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वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में आतंकी वलीउल्लाह की सजा का ऐलान आज

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दिल्ली। साल 2006 के वाराणसी सीरियल ब्लास्ट (VARANSI SERIAL BLAST) केस में दोषी ठहराए गए आतंकी वलीउल्लाह खान आज सजा सुनवाई जाएगी। गाजियाबाद जिला अदालत में यह सुनवाई होगी। इससे पहले शनिवार को वलीउल्लाह खान को सिलसिलेवार बम विस्फोटों से संबंधित दो मामलों में दोषी ठहराया गया था, जिसमें 20 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे। पहला धमाका 7 मार्च 2006 को शाम 6.15 बजे संकट मोचक मंदिर के अंदर हुआ था और दूसरा बम 15 मिनट बाद वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन के प्रथम श्रेणी के रिटायरिंग रूम के बाहर हुआ था।

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2006 की रिपोर्ट के अनुसार, गुडौलिया आवासीय इलाके में तीसरे जीवित बम (VARANSI SERIAL BLAST) का पता चला था, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया था। एक चौथा बम भी वाराणसी के प्रसिद्ध गंगाघाट से बरामद किया गया था। गाजियाबाद जिला सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने वलीउल्लाह को दो मामलों में दोषी ठहराया है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की हत्या, हत्या के प्रयास और हत्या के प्रयास और विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे।

जिला सरकार के वकील राजेश शर्मा के अनुसार, एक मामले में अपर्याप्त सबूतों के कारण वलीउल्लाह को बरी कर दिया गया था। वाराणसी में वकीलों ने मामले की पैरवी करने से इनकार कर दिया था और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले को गाजियाबाद जिला अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। तीनों मामलों में 121 गवाहों को अदालत में पेश किया गया।

विस्फोटों के पीछे मास्टरमाइंड था

अप्रैल 2006 में विस्फोटों की जांच कर रही एसआईटी (VARANSI SERIAL BLAST) ने दावा किया था कि वलीउल्लाह एक आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहाद अल इस्लामी (हूजी) से जुड़ा था और विस्फोटों के पीछे मास्टरमाइंड था। दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) के अनुसार, हूजी के पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई), तालिबान, अल-कायदा के साथ संबंध हैं। बांग्लादेश में हूजी के सहयोगी ने जश-ए-मोहम्मद और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सहयोग से वाराणसी विस्फोटों को अंजाम दिया था।