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सिब्बल के पार्टी छोड़ने से डरी कांग्रेस! अब जी-23 के इस नेता को राज्यसभा भेजने पर मंथन

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दिल्ली। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने पार्टी छोड़ सपा के समर्थन से राज्यसभा जाने का फैसला ले लिया है। बुधवार को ही उन्होंने लखनऊ पहुंचकर नामांकन किया था।

इस घटनाक्रम पर भले ही कांग्रेस ने खुलकर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अंदर ही अंदर मंथन चल रहा है। अब पार्टी महाराष्ट्र से मुकुल वासनिक को राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है, जो G-23 का हिस्सा रहे हैं। महाराष्ट्र से असंतुष्टों के गुट G-23 में दो ही नेता शामिल थे, पृथ्वीराज चव्हाण और मुकुल वासनिक। लेकिन कांग्रेस मुकुल वासनिक को राज्यसभा की खाली सीट पर भेजने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि वह कपिल सिब्बल के एग्जिट से डरी हुई है। अब वह कुछ और सीनियर नेताओं को खोना नहीं चाहती।

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हार के बाद यह पत्र लिखा गया था

G-23 नेताओं की ओर से अगस्त 2020 में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें संगठन में बड़े बदलावों की मांग की गई थी। लोकसभा चुनाव और राज्यों में लगातार हार के बाद यह पत्र लिखा गया था। इस लेटर को लिखने वाले नेताओं में भूपिंदर सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, शशि थरूर, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण समेत कई सीनियर नेता शामिल थे। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए मुकुल वासनिक पार्टी के कैंडिडेट हो सकते हैं।

4 बार लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे हैं वासनिक

अब तक इस सीट से पी. चिदंबरम राज्यसभा में थे। पार्टी नेता ने कहा कि पी. चिदंबरम की भी एक बार फिर से राज्यसभा जाने की दावेदारी है, लेकिन उन्हें इस बार तमिलनाडु से भेजने की तैयारी है। यूपीए की सरकार के दौर में मुकुल वासनिक सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मंत्री थे। उनके पिता बालकृष्ण वासनिक भी कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं। 4 बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके मुकुल वासनिक को 2014 के आम चुनाव में शिवसेना के कृपाल तुमाने के मुकाबले रामटेक सीट से हार का सामना करना पड़ा था। फिलहाल मुकुव वासनिक कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी हैं।

आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद को भी दिया है सम्मान

दरअसल बीते कुछ दिनों में कांग्रेस ने असंतुष्ट नेताओं को जगह देने की कोशिश की है। G-23 में शामिल रहे सीनियर नेताओं आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस ने दो राजनीतिक समितियों में जगह दी गई है, जिनका गठन चिंतन शिविर के बाद किया गया है। इन समितियों को पार्टी में सुधार के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया है।