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सीएसवीटीयू में आयरन ओर और कोयले पर होंगे रिसर्च, मिलेगा प्रैक्टिकल का भी लाभ

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भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (BHILAI NEWS) में आयरन ओर और कोयले की गुणवत्ता की जांचने लैब बनाया जाएगा। करीब 54 करोड़ की लागत से बनने वाले इस लैब का काम भी शुरू हो चुका है। इसकी एक यूनिट दल्ली-राजहरा में भी होगी।

इससे बीटेक ऑनर्स के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज ले सकेंगे। इससे पढ़ाई के बाद उन्हें रोजगार के लिए परेशानी नहीं होगी। वहीं भिलाई स्टील प्लांट, एनएमडीसी, एसईसीएल जैसी कंपनियों को खदानों से निकलने वाले आयस्क को जांच के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ेगा। केंद्रीय इस्पात मंत्रालय से मंजूरी मिलने (BHILAI NEWS)  के साथ काम भी शुरू हो चुका है। 55 से 50 फीसदी लोहा वाले आयस्क को मिट्टी अधिक होने की वजह से छोड़ दिया जाता है। लैब में मिट्टी वाले अयस्क की जांच और शुद्धिकरण किया जाएगा। 45 से 30 फीसदी अयस्क वाले ओर को भी शुद्ध करेंगे। इससे कम लागत में अधिक गुणवत्ता वाले आयस्क मिल सकेंगे। प्रैक्टिकल भी संभव होंगे।

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कंपनियों की उत्पादन लागत में आएगी भारी कमी

यह लैब कम बेनिफिकेश प्लांट की तरह काम करेगा। इससे कंपनियों को सस्ती दरों में अधिक शुद्ध अयस्क मिल सकेगा। अयस्क की कमी को दूर किया जा सकेगा। उत्पादन लागत में कमी आएगी। बीटेक और एमटेक करने वाले विद्यार्थियों के साथ शोधार्थी भी पढ़ने और शोध करने में इसका उपयोग कर सकेंगे।

एआई और कंप्यूटर आधारित अन्य लैब भी होंगे

सीएसवीटीयू में रोबोटिक लैब, वर्चुअल लैब, ऑगामेंटेड रियलिटी लैब, विजुअल लैब, रिलेटिव रियलिटी मेटा वर्स लैब भी बनाए जा रहे हैं। इससे यहां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कंप्यूटर साइंस और माइनिंग ब्रांच की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को काफी सहायता मिलेगी। अन्य जगहों के विशेषज्ञों से भी संपर्क हो सकेगा।

शोध व एनालिसिस करने में मिलेगी सहायता

इन प्रयोगशालाओं से यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों (BHILAI NEWS)  को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध करने का मौका मिल सकेगा। देश-विदेश में नित नए हो रहे प्रयोगों की न केवल जानकारी ले सकेंगे बल्कि उसका प्रैक्टिकल नॉलेज भी ले सकेंगे। इससे उनका अनुभव बढ़ेगा। इससे उन्हें रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।