मुंबई। पिछले पांच सीधे सत्रों में लगातार गिरावट के बाद शेयर बाजार (Share Market) के सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में बढ़त दिखी। शुक्रवार को कारोबार के शुरुवाती दौर में भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक को बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।
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शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 481 अंक या 0.9 प्रतिशत बढ़कर 53,411 अंक पर था, जबकि निफ्टी 147 अंक या 0.9 प्रतिशत बढ़कर 15,955 अंक पर था।
हालांकि, कई केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार उच्च मुद्रास्फीति और सख्त मौद्रिक नीति रुख के बीच इक्विटी निवेशक चिंतित हैं। उच्च ईंधन और खाद्य लागत के कारण अप्रैल में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई। गुरुवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मुद्रास्फीति प्रिंट लगातार चौथे महीने केंद्रीय बैंक आरबीआई की सहनशीलता सीमा से ऊपर रहा।
गौरतलब है कि घरेलू शेयर बाजार के दो फीसदी से अधिक टूटने के कारण गुरुवार को निवेशकों ने पांच लाख करोड़ रुपये गंवा दिये थे। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भारी बिकवाली के कारण 5.25 लाख करोड़ रुपये घटकर 2,40,90,199.39 करोड़ रह गया। गत दिवस बाजार पूंजीकरण 2,46,31,990.38 करोड़ रुपये रहा था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1,158 अंक यानी 2.14 प्रतिशत की गिरावट में 53 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 52,930 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 359 अंक यानी 2.2 प्रतिशत की गिरावट में 15,808 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में 50 में से पांच कंपनियां हरे निशान में रहीं जबकि शेष 45 गिरावट में रहीं।
Share Market : बाजार ओवरसोल्ड इसलिए उछाल
शेयर बाजार (Share Market ) के जानकारों ने कहा, सकारात्मक पक्ष यह है कि यह सभी बुरी खबरें पहले से ही बाजार द्वारा ज्ञात और फैक्टर-इन हैं।
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चूंकि बाजार ओवरसोल्ड है, इसलिए उछाल की उम्मीद की जा सकती है लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बाजार की बनावट कमजोर बनी हुई है, उच्च गुणवत्ता वाले वित्तीय और आईटी निवेश के अवसर प्रदान करते हैं।