दिल्ली। पाकिस्तान की एक आतंकवाद-निरोधी अदालत ने सोमवार को श्रीलंकाई मॉब लिंचिंग (Sri Lankan Mob Lynching) मामले में अपना फैसला सुनाया है। मामले में ईशनिंदा के आरोप में सियालकोट कारखाने के एक महाप्रबंधक की 800 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी थी और उसे जला दिया था।
पाकिस्तान के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक , इस मामले में लिंचिंग के आरोपी 89 लोगों को दोषी ठहराया गया है। इनमें से 6 संदिग्धों को मौत की सजा, 7 को उम्रकैद और 76 अन्य को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक संदिग्ध को बरी कर दिया गया, पंजाब अभियोजन विभाग के सचिव नदीम सरवर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी।
श्रीलंकाई मॉब लिंचिंग का मामला
3 दिसंबर, 2021 को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने श्रीलंकाई (Sri Lankan Mob Lynching) नागरिक प्रियंता कुमारा के शरीर में आग लगाने से पहले उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। एक पाकिस्तानी अधिकारी के अनुसार, कुमारा ने कथित तौर पर कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का एक पोस्टर हटा दिया और फाड़ दिया, जिसमें कुरान की आयतें लिखी हुई थीं। फैक्ट्री के कुछ कर्मचारियों ने उसे देखा और हमला किया। अधिकारी ने बताया कि कुमारा ने जो किया, उसे सुनकर आसपास के इलाकों से सैकड़ों लोग फैक्ट्री के बाहर जमा होने लगे, जिनमें से ज्यादातर टीएलपी के कार्यकर्ता और समर्थक थे।
सभी कोनों से प्रतिक्रिया (Sri Lankan Mob Lynching) का सामना करने के बाद, तत्कालीन प्रधान मंत्री इमरान खान ने भीषण सियालकोट घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसे ‘पाकिस्तान के लिए काला दिन’ कहा था। पाकिस्तानी पीएम ने इस बात पर जोर दिया था कि वह घटना में ‘जांच की देखरेख’ कर रहे थे, और आश्वासन दिया कि सभी जिम्मेदार लोगों को ‘कानून की पूरी गंभीरता से दंडित’ किया जाएगा।