रायपुर। सेवा निवृत्त शासकीय कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के लिए कलेक्टर चन्दन कुमार ने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देशित किया है। कौशिल्या मातृत्व योजना का जिले में बेहतर क्रियान्वयन के लिए पीपीटी बनाकर प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिये हैं। उनके द्वारा बस्तर विकास प्राधिकरण सहित अन्य निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर चन्दन कुमार ने मंगलवार को आयोजित समय-सीमा की बैठक में विभिन्न प्रकरणों के निराकरण की गहन समीक्षा किया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। गोधन न्याय योजनांतर्गत गौठानों में गोबर की खरीदी और उसका भुगतान, वर्मी कम्पोस्ट का उठाव की समीक्षा करते हुए इसमें तेजी लाने तथा समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान का शीघ्र उठाव कराने के लिए उप पंजीयक सहकारी संस्था को निर्देशित किया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अतंर्गत हितग्राहियों को भुगतान की समीक्षा उनके द्वारा की गई। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के 190 हाट-बाजारों में शिविर लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जिसके लिए 32 डेडीकेटेड टीम बनाया गया है। कलेक्टर चन्दन कुमार ने हाट-बाजारों में प्रदत्त चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा करते हुए स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी दिये। प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य की समीक्षा करते हुए उन्होंने तहसीलदारों को निर्देशित किया कि मिशन रिकार्ड के अभाव में ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी किये जायें।
कलेक्टर चन्दन कुमार ने जिले के गौठानों को रूरल इंडस्ट्री पार्क के रूप में विकसित करने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा भी किया। जिला चिकित्सालय कांकेर में ‘‘हमर लैब’’ का निर्माण, गांधी ग्राम कुलगांव में मशरूम उत्पादन, दाल मिल, दोना-पत्तल निर्माण, लाख प्रशिक्षण, मछली आहार निर्माण इकाई सहित अन्य कार्यों की समीक्षा किया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यवस्थापन, डायवर्सन भू-भाटक की वसूली, विवादित बंटवारा प्रकरणों का निराकरण, सीमांकन प्रकरणों का निराकरण, अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण की समीक्षा करते हुए उन्होंने नियमित रूप से कोर्ट लगाने के लिए तहसीलदारों को निर्देशित किया।