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CSVTU ने दिया छात्रों को झटका, 1500 गुना बढ़ाई फीस

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी (CSVTU) द्वारा कॉलेजों को जारी एक नोटिस ने छात्रों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य सरकार द्वारा दुर्ग जिले के भिलाई में संचालित इस यूनिविर्सिटी द्वारा छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया गया है।

पहले नामांकन शुल्क के रूप में अनिवार्य रूप से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास करने वाले छात्रों से 100 रुपये और सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड से 12वीं पास करने वाले छात्रों से प्रति छात्र 600 रुपये नामांकन शुल्क लिया जाता था। जिसे सत्र 2021-22 में छत्तीसगढ़ बोर्ड से पास विद्यार्थियों के लिए 1500 गुना बढ़ाकर 1500 रुपये और अन्य बोर्ड वालों के लिए 2000 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य मद में भी छात्रों से पैसों की वसूली करने का नोटिस जारी किया गया है।

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दरअसल CSVTU ने 16 मार्च 2022 को संबंधित कॉलेजों को रिमाइंडर नोटिस जारी किया है। इसमें विश्वविद्यालय विकास शुल्क प्रतिवर्ष 500 रुपये प्रति छात्र, विद्यार्थी विकास शुल्क 1 रुपये प्रतिवर्ष, ई लाइब्रेरी, सेन्ट्रल लाइब्रेरी व ई लर्निंग फीस एकबार 2000 रुपये व ट्रेनिंग व प्लेसमेंट फीस 125 रुपये प्रति वर्ष यानि की सत्र 2021-22 में 2626 रुपये प्रति छात्र जमा करवाने के निर्देश कॉलेजों को दिए गए हैं। यह फीस नामांकन शुल्क के अतिरिक्त है। इसी नोटिस में लिखा गया है कि यदि 23 मार्च 2022 तक उक्त शुल्क जमा नहीं हुए तो छात्रों का नामांकन व परीक्षा परीक्षा रोल नंबर जारी नहीं किए जाएंगे। साथ ही एग्जाम पोर्टल पर आवेदन के लिए उनका नाम प्रदर्शित नहीं होगा।

जबरिया वसूली और धमकी

CSVTU द्वारा जारी पत्र को सरल भाषा में समझें तो छात्रों को खुली धमकी दी गई है। यदि छात्र फीस नहीं जमा करेंगे तो उन्हें नामांकन नंबर व रोल नंबर जारी नहीं किया जाएगा। चूंकि विश्वविद्यालय नामांकन व परीक्षा शुल्क अलग से वसूल रहा है तो फिर दूसरे मद के शुल्क के लिए नामांकन व परीक्षा रोल नंबर रोकने की धमकी कैसे दी जा सकती है। विश्वविद्यालय के इस रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हेगा। सरकार से भी शिकायत की जाएगी।

धमकी नहीं अधिसूचना दी है

मामले में सीएसवीटीयू के कुलसचिव केके वर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय ने राजभवन से अनुमोदन लेकर अधिसूचना जारी की है। यह सब छात्रहित में ही किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने किसी तरह की धमकी छात्रों को नहीं दी है। यदि इसपर कोई आपत्ति आती है तो आगे विचार किया जाएगा। बता दें कि विश्वविद्यालय के इस निर्णय के विरोध में शासकीय पॉलीटेक्निक महासमुंद के छात्रों ने बीते मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि कुलसचिव केके वर्मा का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।