रायपुर। एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी और नंदनवन (RAIPUR NEWS) की आबोहवा चीतल और सांभर को रास आ रही है। जिस कारण इनकी संख्या अधिक हो गई है। इसलिए सफारी प्रबंध की बेचैनी बढ़ गई है।
प्रबंधन द्वारा इनकी संख्या कम करने के लिए नेशनल जू अथारटी से गुरुघासी नेशनल पार्क में 100 चीतल और सांभर छोड़ने के लिए अनुमति मांगी थी। नेशनल जू अथारटी ने छोड़ने के लिए दो माह पहले अनुमति दे दिया था। विभाग जल्द छोड़ने की कार्रवाई करेगा। सफारी प्रबंधन का कहना है कि इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है, जल्द इनको छोड़ा जाएगा।
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ज्ञात हो नंदनवन (RAIPUR NEWS) से कई तरह के तेंदुआ सहित वन्यजीवों को जंगल सफारी में शिफ्ट कर दिया गया है लेकिन चीतल और सांभर को सफारी में रखने की जगह कम होने से इन्हे नंदनवन में रखा गया था। यहां इनकी संख्या बढ़ गई है। वर्तमान में नंदनवन को पूरी तरह से चिड़िया घर के रूप में विकसित कर दिया गया है। वर्तमान में यहां पर रंग बिरंगी पंछियों को रखा गया है। नंदनवन में 100 चीतल और सांभर रखे गए हैं। 20 मार्च तक इनको छोड़ दिया जाएगा।
जगह कम होने से नहीं किया गया शिफ्ट
जंगल सफारी में वर्तमान में 720 वन्यजीवों की संख्या पहुंच गई है। इसके कारण जंगल सफारी में इन जानवरों को रखने के लिए जगह कम पड़ गई है। इसलिए चीतल (RAIPUR NEWS) और सांभर को नंदनवन में रखा गया है। जंगल सफारी नंदनवन की डारेक्टर एम मर्शीवेला ने बताया कि चीतल और सांभर को छोड़ने के लिए अनुमति मिल गई थी लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इनको गुरु घासीदास नेशनल पार्क नहीं छोड़ा जा सका, लेकिन अब जल्द से जल्द इनको छोड़ने की तैयारी चल रही है।