नारायणपुर। नारायणपुर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर पहाड़ों से घिरे टेमरूगांव ग्राम पंचायत में 2 गाँवों के 6 पारा-टोले हैं। यहां लगभग 200 परिवार रहते हैं। नक्सल प्रभावित सुदूर वनांचल के निवासी जो वर्षों से सड़क की समस्या से जूझ रहे थे, अब जिला प्रशासन के प्रयासों से कन्हारगांव से टेमरूगांव 8 किलोमीटर पक्की सड़क बनकर तैयार हो गयी है।
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टेमरूगांव जो लगभग ऊंची पहाड़ी पर बसा है। लोगों की दिक्कत और आवागमन की सुविधा के लिए प्रशासन ने पहाड़ को काटकर सड़क बनाया है। पहले जहां गांव में पहुंचने के लिए पैदल चलना मुश्किल था, अब वहां सड़क है, बिजली है, उचित मूल्य की दुकान, साफ पीने का पानी है, स्कूल है।
लेकिन कुछ साल पहले तक यह सब बुनियादी सुविधाएं यहां के लोगों के लिए सपना था। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ एम्बुलेंस और अन्य बुनियादी सुविधायें गांवों तक पहुंच रही है। सड़क बन जाने से ग्रामीणों को अब शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन एवं खाद्यान्न की बुनियादी सुविधाएं मिलने लगी हैं। जिससे सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।
नारायणपुर कलेक्टर ने लिया ज़ायज़ा
इधर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत बनायी जा रही 2 सड़कों सुलेंगा से तिरकानार और कन्हारगांव से टेमरूगांव और पुल-पुलिया का निरीक्षण किया। इस दौरान सड़क की गुणवत्ता को बारीकी से परखा।
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नारायणपुर कलेक्टर ने अधिकारियों से सड़क निर्माण में आने वाली लागत, इन सड़कों में बनने वाले पुल-पुलियों की संख्या, आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इन कार्यों को तेजी के साथ बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने कहा कि कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये।