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छत्तीसगढ़ में 32% आदिवासी वोट के सहारे चुनावी नैया पार लगाएगी भाजपा!

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर के आदिवासी वोट बैंक पर अब बीजेपी (BJP) की नजर है। भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी आज से तीन दिवसीय बस्तर प्रवास पर रहेंगी, जहां वे 3 दिन बस्तर में ही रुककर स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेंगी। भाजपा की राजनीतिक जमीनी हकीकत जानेंगी। खास बात यह है कि इस बार बस्तर प्रवास के दौरान उनके साथ छत्तीसगढ़ भाजपा का कोई भी बड़ा नेता नहीं होगा। पुरंदेश्वरी का यह निर्णय चौंकाने वाला है, जो छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आखिर क्या वजह है कि पुरंदेश्वरी ने भाजपा के स्थानीय बड़े नेताओं को बस्तर नहीं बुलाया।

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यूं तो छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को करीब पौने 2 साल का समय बचा है, बावजूद इसके अभी से ही आदिवासी वोट पर प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों की नजरें हैं। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से 29 सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है प्रदेश में 32 फीसदी वोटर आदिवासी हैं। ऐसे में प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी (BJP) का फोकस इन आदिवासी वोट बैंक की ओर ज्यादा नजर आ रहा है। प्रदेश में 15 सालों तक भाजपा की सरकार रही। बावजूद इसके साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में आदिवासियों की 29 सीटों में से महज 2 सीटें ही भाजपा को मिली हैं। बाकी की 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए समीकरण अभी से तैयार किए जा रहे हैं, ताकि आदिवासी वोटर्स के सहारे बीजेपी की नैया पार लग सके।

बस्तर रहा है कांग्रेस का गढ़

बस्तर संभाग के अंतर्गत 12 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। यदि साल 2013 में विधानसभा चुनाव परिणाम की बात की जाए तो बीजेपी (BJP) को महज 4 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस के खाते में 8 सीटें आई थीं। इसके पहले साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 11 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। साल 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 9 और कांग्रेस को 3 सीटें मिली थीं।

बस्तर में हैं 12 सीटें, सभी पर कांग्रेस काबिज

बस्तर संभाग कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा है। इस बार यहां की 12 विधानसभा सीटों में से 12 सीटें पर कांग्रेस काबिज है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि बस्तर में भाजपा अपनी पैठ जमाने में अब तक नाकाम रही। 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी बस्तर में कांग्रेस की पैठ को भेद नहीं पाई है। यह भाजपा के लिए चिंता का विषय है और यही कारण है कि बस्तर पैठ जमा चुके कांग्रेस को उखड़ने अब भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी अपने तीन दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंची हैं।