रायपुर। सूबे में बतौर डीजीपी कमान समाह्लने के बाद से पुलिस महानिदेशक, अशोक जुनेजा ने थानों और कोर्ट में लंबित मामलों को निबटाने पर भी अपना फ़ोकस बनाए रखा है। इस बात का सीधा उदाहरण सूबे के तमाम जिलों में पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद वारंट तामीली की कार्यवाही से ही स्पष्ट हो जाता है।
भैयाजी ये भी देखे : स्कूल के दौरे पर पहुंचे थे शिक्षा अधिकारी, लटका मिला ताला…सभी…
दरअसल शुक्रवार को डीजीपी अशोक जुनेजा के हवाले से मुख्यालय के आला अफसरों से प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को उनके जिलों में लंबित स्थायी व अभियुक्त गिरफ्तारी वारंट की तामीली हेतु विशेष अभियान चलाने निर्देशित किया गया था।
जिसके परिपालन में छत्तीसगढ़ के सभी पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों ने शनिवार 12 फरवरी और 13 फरवरी रविवार को को विशेष टीमों का गठन कर ये अभियान चलाया। इन टीमों ने थानों में लंबित वारंटियो की खोजबीन शुरू की, दो दिन की उठापटक के बाद जो रिजल्ट निकला वो संतोष जनक था।
20 साल से छकाने वाले भी 48 घंटे में सपड़ाए
महज़ 48 घंटे मैराथन स्तर पर चली इस कार्यवाही में पूरे प्रदेश से तक़रीबन 1156 वारंटियों को दबोचा गया। जानकारी के मुताबिक इसमें से अधिकांश गंभीर मामलों के आरोपी थे। इस अभियान में ऐसे अपराधियो को भी गिरफ्तार करने में सफलता मिली जो 20 -20 वर्ष से अधिक समय से पुलिस व न्यायालय से छिपते फिर रहे थे।
भैयाजी ये भी देखे : Breaking : स्थगित हुई जिला दिशा समिति की बैठक,15 फरवरी को…
इस अभियान में अलग अलग जिलों ने कुल 450 से अधिक टीमों का गठन कर इस अभियान के तहत कार्यवाही की है। आला अधिकारियों का कहना है कि इन वारंटों की तामीली से इनके कारण न्यायालय में पेंडिंग मामलो का भी शीघ्र निराकरण होगा।