रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (RAIPUR NEWS) में छोटी-बड़ी मिलाकर 100 से अधिक नर्सरी है। इधर कोरोना महामारी में औषधीय पौधों की मांग अधिक है। नर्सरियों में लोग ज्यादातर सजावटी के अलावा औषधीय पौधों की मांग कर रहे है। इसी वजह से सालभर में ही पांच करोड़ रुपये से अधिक के पौधे बिक गए।
शहर के एक बड़े नर्सरी संचालक प्रमिल नाथ और दीपक कुमार ने बताया कि लोग इस सीजन में फ्लावर के साथ औषधीय पौधों की मांग कर रहे है। फिलहाल अभी कोरोना के रफ्तार बढ़ने से औषधीय पौधों की मांग फिर से तेज हो गई है। वैसे तो शहर में हर सीजन (RAIPUR NEWS) में पौधों की मांग रहती है। इधर नर्सरियों में पौधों की प्रजाति के हिसाब से रेट तय है, जो 20 से लेकर 500 रुपये से अधिक औषधीय पौधे हैं। इसके अलावा कई नर्सरियों में सीधे औषधीय पौधे का बीज डालकर पौधे तैयार किया जा रहा है। वहीं, ज्यादातर: पौधे बंगाल, दक्षिण भारत के राज्यों से मंगाया जा रहा है।
इस तरह प्रजाति के पौधों की मांग
नर्सरियों संचालकों (RAIPUR NEWS) ने बताया कि तुलसी, एलोवेरा, गिलोय, नीम, आंवला, अश्वगंधा, काल मेध, परिजात, रामा तुलसी, नींबू आदि की मांग है। इसके अलावा फ्लावर पौधों की मांग दिसंबर से शुरू होकर पूरा गर्मी के सीजन तक रहता है।
वन विभाग के पास चार नर्सरी
रायपुर वनमंडलाधिकारी विश्वेश राय ने बताया कि रायपुर जिले में चार नर्सरी है। कोरोना महामारी के कारण औषधीय पौधों की मांग अधिक है। वन विभाग भी इन पौधों की मांग को देखते हुए नर्सरी का विस्तार भी कर दिया है, ताकि मांग को पूरा किया जा सके।