रायपुर। सरकारी बिजली वितरण कंपनी ने बिजली घोटाले (BIJLI BILL) में चार मुख्य अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें भीम सिंह, सीएस सिंह, संजय पटेल और कैलाश नारनवरे शामिल हैं। इन्हें नोटिस जारी करके बिजली बिल में करोड़ों रुपये की हानि के बारे में जवाब तलब किया गया है। बता दें कि इस मामले में कंपनी पहले की करीब 14 मुख्य अभियंताओं का तबादला कर चुकी है।
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मुख्य अभियंताओं पर की जा रही इस कार्रवाई पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। साथ ही इसके खिलाफ कोर्ट जाने की भी तैयारी शुरू हो गई है। इंजीनियरों का तर्क है कि बिजली बिल संग्रहण में मुख्य अभियंताओं की सीधी कोई भूमिका नहीं होती। इन गड़बड़ियों का मुख्य कारण कंपनी में केंद्रीकृत सिस्टम- एप्लीकेशन एंड प्रोडक्ट (सैप) नामक कंप्यूटर प्रणाली की खामियां हैं। सैप में ही गड़बड़ी के कारण उपभोक्ताओं के खातों में बिजली बिल (BIJLI BILL) की जमा और बकाया राशि में हेराफेरी हुई है। अफसरों का कहना है कि इन खामियां की कंप्यूटर विभाग को दो-तीन साल से जानकारी है, इसके बावजूद इन्हें दूर करने के बजाय दबाया जा रहा है। वजह यह है कि सैप सिस्टम को बनाए रखने और उस पर प्रतिवर्ष होने वाले भारी खर्च से बिजली कंपनियों के कतिपय उच्च अधिकारियों के निहित स्वार्थ जुड़े हुए हैं।
दो साल पहले पाई गई थी गड़बड़ी
कंपनी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार दो साल पहले राजनंदगांव में बिजली बिलों में लगभग छह करोड़ की गड़बड़ी पाई गई थी। इस मामले में चार सहायक अभियंताओं, दो कनिष्ठ अभियंताओं और पांच लिपिकों को आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच की गई थी। लेकिन उस दौरान (BIJLI BILL) भी न तो सैप कंप्यूटर प्रणाली की कमियों को दूर किया गया और न ही बिलिंग साफ्टवेयर बदला गया। बता दें कि अभी तक अंबिकापुर, मस्तूरी और शिवरीनारायण में बिलिंग में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की क्षति सामने आ चुकी है। पर जानकारों का कहना है कि वास्तविक नुकसान इतना अधिक हो सकता है कि अभी इसका ठीक-ठीक अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता।