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पीएम मोदी का अकाउंट हैक, CERT-IN टीम जांच में जुटी

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दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी (PM NARENDRA MODI) ने शनिवार देर रात एक ट्वीट कर कहा कि भारत ने बिटक्वाइन को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है। सरकार ने आधिकारिक रूप से 500 बीटीसी खरीदे हैं और सभी नागरिकों को बांट रही है।

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पीएम मोदी के इस पोस्ट से उनके फॉलोवर्स समझ गए कि पीएम मोदी (PM NARENDRA MODI)  का अकाउंट हैक हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल हैक होने की जानकारी सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गई। इसे लेकर यूजर्स ने स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही हैशटैग हैक्ड और हैकर्स ट्रेंड करने लगे। हैशटैग हैक्ड भारत में रात में ही चौथे नंबर पर ट्रेंड कर रहा था।

सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सुरक्षा का गंभीर खतरा और `बिटक्वाइन माफिया` का काम बताया। कई लोगों ने यहां तक आशंका जताई कि इस घटना के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार पहला ट्वीट 2.11 बजे किया गया, जिसे दो मिनट के भीतर डिलीट कर दिया गया। परंतु इसके डिलीट होते ही एक दूसरा ट्वीट 2.14 बजे किया गया। हालांकि दोनों में एक समान बात लिखी हुई थी। इस दोबारा किए गए ट्वीट को भी डिलीट कर दिया गया।

हैकर ने ट्वीट में क्या लिखा?

हैकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM NARENDRA MODI) के ट्विटर हैंडल से जो ट्वीट किया उसमें उसने लिखा कि भारत ने बिटक्वाइन को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है। सरकार ने आधिकारिक रूप से 500 बीटीसी खरीदे हैं और सभी नागरिकों को बांट रही है। जल्दी करें भारत, भविष्य यहां है। अकाउंट पर अचानक से इस तरह की पोस्ट दिखने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स समझ गए कि अकाउंट हैक हुआ है। एक यूजर ने लिखा कि ये बिटक्वाइन माफिया का काम है। एक ने लिखा कि अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी की कोई जगह नहीं। पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी की पर्सनल वेबसाइट का ट्विटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था।

जांच के लिए CERT-IN टीम को लगाया गया

सूत्रों के अनुसार हैकर्स का पता लगाने के लिए इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN) को लगाया गया है और वह इसके सोर्स का पता लगाने का कोशिश कर रही है। हैकिंग का पता लगाने के लिए यह टीम लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। CERT-IN केंद्र सरकार की एक विशेष जांच एजेंसी है जो मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी के अंदर काम करती है। इसका काम भारत सरकार की हैकिंग और फिशिंग जैसे गंभीर साइबर खतरों से निपटना है।

पीएम बता चुके हैं क्रिप्टोकरेंसी को युवा पीढ़ी के लिए खतरा

एक अनुमान के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लगभग डेढ़ करोड़ उपभोक्ता हैं और इनकी कुल कीमत छह अरब डॉलर से ज्यादा है। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिटक्वाइन को युवा पीढ़ी के लिए एक खतरा करार दिया था और कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल न हो यह सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक भागीदारी की जरूरत है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अभी मान्यता नहीं मिली है

भारत में अभी तक बिटक्वाइन को या अन्य किसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है। इस विषय में आखिरी फैसला पीएम मोदी को ही करना है। क्रिप्टो पर देश के अलग-अलग नियामक और एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है। भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंताएं जताई हैं। क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होना है।