रायपुर। छत्तीसगढ़ के रेडी टू इट का मामला आज लोकसभा में भी गूंजा। भारतीय जनता पार्टी के राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडे ने इस मामले को लोकसभा में उठाया। उन्होंने इस मामले को उठाते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ में जो सरकार चल रही है, वास्तव में केंद्र के मद से 14वें और 15वें वित्त के जो पैसे हैं, किस प्रकार से बंदरबांट किया जाए किया जाए इसकी तैयारी कर रही है।”
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उन्होंने कहा कि “मैं एक विषय आपके सामने रखना चाहता हूं कि जो छत्तीसगढ़ की सरकार है, आंगनबाड़ी में अध्यनरत बच्चों को जो रेडी टू ईट पोषण आहार वितरण को महिला समूह से छीन कर ठेकेदारों के माध्यम से वितरित करने के लिए और बंदरबांट की तैयारी की जा चुकी है। यह छत्तीसगढ़ सरकार ने आदेश दिया है।
वहां के महिलाओं के हक छीनने का काम छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है, और मैं आपको बताना चाहूंगा कि महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हजारों की संख्या में सक्रिय महिला समूह की लाखों महिलाएं सरकार के इस फैसले से बेरोजगार हो जाएंगी। उनके द्वारा खरीदे गए उपकरण अनुपयोगी हो जाएंगे।”
रमन सरकार के फैसले का किया जिक्र
सांसद संतोष पांडेय ने इस मामलें में कहा कि “अध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि 2009 में जो तत्कालीन सरकार थी, उन्होंने सब प्रकार की महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, पोषण आहार तैयार करने का जिम्मा महिला समूह को दिया था।
ताकि उनको रोजगार मिल सके और हजारों महिलाओं को रोजगार प्राप्त भी हुआ। ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी आर्थिक और सामाजिक रुप से बदलने लगी। उनके जिंदगी में परिवर्तन आया।”
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महोदय मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि कि ऐसे 30-35 हजार से ऊपर स्व सहायता समूह आज बेरोजगार हो जाएंगे। मैं माननीय अध्यक्ष महोदय के माध्यम से उनको बेरोजगार होने से बचाया जाए और सब प्रकार से वहां व्यवस्थित हो इसकी आशा करता हूँ।
छत्तीसगढ़ में रेडी-टू-इट का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को सौंपकर स्व-सहायता समूह की हजारों महिलाओं की रोजी-रोटी छीनने और कमीशन खाने चली है भूपेश बघेल की सरकार – संसद में श्री @santoshpandey44 जी, सांसद, राजनांदगांव लोकसभा pic.twitter.com/DOejilMGOt
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) December 8, 2021