दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (RAMNATH KOVIND) ने महाराष्ट्र में रायगढ़ किले का दौरा किया और छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला। उन्होंने की कहा कि यह दौरा उनके लिए एक तीर्थयात्रा के समान है।
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राष्ट्रपति (RAMNATH KOVIND) ने कहा कि शिवाजी महाराज के कुशल नेतृत्व में इस पूरे क्षेत्र का गौरव बढ़ा और देशभक्ति की भावना फिर से उभरी। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के चरित्र का वर्णन 19वीं शताब्दी के संस्कृत ग्रंथ ‘शिवराज-विजयः’ में बहुत प्रभावी ढंग से किया गया है। उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए ताकि लोग, विशेषकर युवा पीढ़ी, शिवाजी महाराज के महान व्यक्तित्व और असाधारण कार्यों से परिचित हो सकें।
शिवाजी की सोच भविष्योन्मुखी थी
राष्ट्रपति (RAMNATH KOVIND) ने कहा कि छत्रपति शिवाजी की सोच भविष्योन्मुखी थी। उन्होंने अपने मंत्रि-परिषद, जिसे ‘अष्ट-प्रधान’ भी कहा जाता था, के सहयोग से अनेक दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय लिये। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने भारत की पहली आधुनिक नौसेना का निर्माण किया था।