रायपुर / ई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में उच्च सादन की कार्यवाही से छत्तीसगढ़ कसे राज्य सभा पहुंची फूलोदेवी नेताम और छाया वर्मा कार्यवाही के दौरान निलंबित ही रहेंगी। उनके साथ दस अन्य विधायकों का भी निलंबन ज़ायरी रखा गया है।
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राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को उन 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की विपक्ष की अपील को खारिज कर दिया है, जिन्होंने मानसून सत्र के दौरान हंगामा करते हुए मार्शल से कथित तौर पर हाथ पाई की थी।
सभापति एम. वैंकया नायडू ने कहा “मैं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की अपील पर विचार नहीं कर रहा हूं क्योंकि निलंबित सांसदों ने माफी नहीं मांगी है, वे अपने व्यवहार को सही ठहरा रहे हैं।” इस पर विपक्षी सदस्यों ने वॉक आउट कर दिया।
इधर राज्य सभा में इस मुद्दे को मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस निलंबन को ही गलत बता दिया है। उन्होंने कहा कि “ये निलंबन नियमों के विपरीत है। सदस्यों को पिछले सत्र में हुए आचरण और सदन के नियमों के खिलाफ होने के कारण निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।”
राज्यसभा ये हुए थे निलंबित
गौरतलब है कि राज्य सभा ने सोमवार को 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने पर 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। निलंबित सांसद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना से हैं।
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निलंबित सदस्य सैयद नसीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा और कांग्रेस के राजमणि पटेल, प्रियंका चतुवेर्दी, शिवसेना के अनिल देसाई, माकपा के एलाराम करीम, के बिनॉय विश्वम भाकपा, डोला सेन और तृणमूल की शांता छेत्री है।