कोरबा। कोल इंडिया के सेवानिवृत्त कर्मियों को मेडिकेयर स्कीम के लिए सेवानिवृत्त कोल कर्मियों को पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम- नान एक्जीक्यूटिव (सीपीआरएमएस-एनई) का सदस्य बनाने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने फिर से अवसर दिया है। इसके लिए तिथि तीन माह (KORBA NEWS) के लिए बढ़ा दी गई है। अब सेवानिवृत्त कोयला कर्मचारियों के साथ ही नियमित कर्मचारी भी इस स्कीम के तहत मेडिकल सुविधा लेने के लिए इससे जुड़ सकते हैं।
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साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) समेत कोल इंडिया लिमिटेड से संबद्ध अन्य कंपनियों में कार्यरत कार्यरत व सेवानिवृत कर्मियों के लिए सीपीआरएमएस योजना लागू की गई थी। दसवां वेतन समझौता लागू होने की तारीख से सेवानिवृत होने वाले सभी कोल कर्मियों को इस योजना का सदस्य बनाया गया है। इसके तहत अधिकतम आठ लाख रुपये सालाना इलाज दिया जाना है। वहीं गंभीर बीमारी के लिए असीमित राशि का इलाज कराया जा सकेगा। इसके लिए कर्मियों को 40 हजार रुपये प्रबंधन के पास जमा कराए हैं, शेष राशि 18 हजार प्रबंधन जमा किया गया।
वहीं नौवे व आठवें वेतन समझौता लागू होने के बाद सेवानिवृत (KORBA NEWS) हुए कर्मी योजना में शामिल नहीं हो सके थे। ऐसे कर्मियों को योजना में शामिल करने योजना की तिथि आगे बढ़ाई और अब 17 फरवरी 2022 तक सदस्य बनने की अंतिम तिथि रखी गई है। कंपनी की ओर से कर्मियों से कहा गया है कि निर्धारित राशि जमा कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि कोयला कंपनियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बेहतर मेडिकल सुविधा देने प्रबंधन के साथ पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम पर समझौता हुआ है। योजना संचालन के लिए बोर्ड का गठन हो गया है और इस बोर्ड की दो बार बैठक हो चुकी है। नए सदस्य बनने के बाद योजना को अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा।
एसईसीएल में केवल 12 हजार सदस्य
सीपीआरएमपीएस में सदस्य बनने के लिए भले ही दो वर्ष से योजना (KORBA NEWS) चलाई जा रही है, पर एसईसीएल में केवल 12 हजार कर्मी ही इसके सदस्य बने हैं। जबकि दसवां वेतन समझौता के बाद से अभी तक लगभग 20 हजार कर्मी सेवानिवृत हो चुके होंगे। यही स्थिति अन्य कंपनियों की भी है। यही वजह है कि योजना की अवधि को बार- बार बढ़ाना पड़ा। बोर्ड के सदस्यों को उम्मीद है कि इस बार अधिक कर्मी इसमें शामिल होंगे।
जानकारी के अभाव में नहीं बन पा रहे सदस्यः मनोहर
सीपीआरएमएस बोर्ड आफ ट्रस्टी के सदस्य वीएम मनोहर का कहना है कि कोल इंडिया द्वारा लागू की गई इस योजना की जानकारी नही मिलना है। इसकी मुख्य वजह सेवानिवृति के बाद अधिकांश कर्मी अपने गृह ग्राम में निवास करने लगे हैं और उन्हें योजना के संबंध में जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसलिए बोर्ड की सहमति उपरांत एक बार पुनः कोल इंडिया प्रबंधन ने तिथि बढ़ाई है। कोशिश की जा रही है कि योजना का लाभ अधिक लोगों को मिले, इसलिए किसी तरह उन तक पहुंचाई जाए।