लखनऊ। 100 साल पहले वाराणसी से चुराई गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति ( Maa Annapurna Murti) कनाडा ने भारत को वापस सौंप दी है।
11 नवंबर यानी गुरुवार को यह मूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी, जिसे 15 नवंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस प्रतिमा में मां अन्नपूर्णा के एक हाथ में खीर की कटोरी और दूसरे हाथ में चम्मच है। माना जा रहा है 18वीं शताब्दी की ये प्रतिमा 1913 में काशी के एक घाट से चुरा ली गई थी, और फिर इसे कनाडा ले जाया गया। वहां यह मैकेंजी आर्ट गैलरी में रेजिना विश्वविद्यालय के संग्रह का हिस्सा थी। इस मूर्ति की वसीयत 1936 में नॉर्मन मैकेंज़ी द्वारा करवाई गई थी और गैलरी के संग्रह में जोड़ा गया था।
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कैसे वापस मिली ये मूर्ति
यह मामला उस समय सामने आया जब इस साल गैलरी में एक आगामी प्रदर्शनी की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान कलाकार दिव्या मेहरा की नजर इस मूर्ति ( Maa Annapurna Murti) पर पड़ी। उन्होंने इस मुद्दे को उठाया और फिर सरकार ने अपनी ओर से इसकी वापसी के प्रयास शुरु किये। रेजिना विश्वविद्यालय के अंतरिम अध्यक्ष व कुलपति थॉमस चेस ने यह मूर्ति भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को सौंपी। अब भारत सरकार 11 नवंबर को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मूर्ति को यूपी सरकार को सौंपेगी।
कहां रखी जाएगी ये मूर्ति
यह प्रतिमा ( Maa Annapurna Murti) 11 नवंबर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंपी जाएगी। जिसके बाद पुनर्स्थापना यात्रा के माध्यम से मां अन्नपूर्णा 18 जिलों में भक्तों को दर्शन देते हुए 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। अगले दिन (15 नवंबर) देवोत्थान एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे।