रायपुर। प्रदेश में नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी (JANGAL SAFARI) की तर्ज पर कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो में एक और जंगल सफारी का निर्माण किया जाएगा। यह जंगल सफारी प्राकृतिक वन संपदा को बिना नुकसान पहुंचाए 191 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित किया जाएगा।
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जंगल सफारी में वन्य प्राणियों और आने वाले पर्यटकों के लिए नवीन एवं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज अपने शासकीय निवास कार्यालय में रामचुआ-हरमो क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना के संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाए बिना जंगल सफारी का निर्माण किया जाए। प्राकृतिक रूप से मौजूद जंगलों को कोई नुकसान न हो, इस पर भी विशेष सावधानी रखा जाए।
ऐतिहासिक धरोहरों के साथ जोड़कर एक सर्किट बनाया जाएगा
वन मंत्री अकबर ने बैठक में बताया कि प्रस्तावित नवीन जंगल सफारी को भोरमदेव मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों तथा ऐतिहासिक धरोहरों के साथ जोड़कर एक सर्किट बनाया जाएगा। उन्होंने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी (JANGAL SAFARI) के तर्ज पर एक और जंगल सफारी निर्माण के लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने निर्देशित किया। इस जंगल सफारी में शेर, चीता, सफेद शेर, भालू, हिरण, सांभर, नीलगाय सहित अन्य पशु-पक्षी के लिए अलग-अलग सफारी का निर्माण किया जाएगा। निर्माण कार्य पर लगभग 75 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इस जंगल सफारी निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री अकबर के समक्ष अधिकारियों द्वारा जंगल सफारी निर्माण परियोजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्य योजना तैयार की गई
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो क्षेत्र के 191 हेक्टेयर में जंगल सफारी (JANGAL SAFARI) तैयार करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। यह जंगल सफारी पहाड़ के ठीक नीचे स्थित है। यह प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता के साथ-साथ पर्यटकों के लिए काफी मनोरम स्थल होगा। जंगल सफारी निर्माण से किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी। जंगल सफारी के मुख्य दरवाजे के समक्ष प्रशासनिक जोन भी तैयार किया जाएगा। जहां टिकट काउंटर के साथ-साथ फूड जोन, प्रसाधन, पार्किंग आदि की व्यवस्था रहेगी।
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, किसन साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, पीसीसी वाईल्ड लाईफ नरसिम्हा राव, सीसीएफ दुर्ग श्रीमती शालिनी रैना, कवर्धा डीएफओ दिलराज प्रभाकर, विषय वस्तु विशेषज्ञ जितेन्द्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।