रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (CM BHUPESH BAGHEL) ने रायपुर के समीप नरदहा में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित किया।
सीएम बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में बरसात के मौसम में होने वाले विभिन्न फसलों के लिए 9 हजार और 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से किसानों को अनुदान राशि दी जा रही है । इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और खेती अधिक लाभकारी बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की सबसे अधिक कीमत मिल रही है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के नवनिर्वाचित केंद्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा ने शपथ ग्रहण की। उनके साथ ही नवनिर्वाचित राज् प्रधानों ने भी शपथ ग्रहण की। समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामाजिक पत्रिका का विमोचन भी किया।
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पुरखों और विभूतियों को नमन किया
अपने संबोधन के प्रारंभ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM BHUPESH BAGHEL) ने समाज के पुरखों और विभूतियों को नमन किया और कहा कि उन्होंने शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। यह समाज मूलतः कृषक समाज है और स्वतंत्रता आंदोलन,राज्य निर्माण के साथ खेती किसानी को बढ़ावा देने में इस समाज का बड़ा योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन ने डॉ खूबचंद बघेल के नाम पर स्वास्थ्य योजना , स्वामी आत्मानंद के नाम पर उत्कृष्ट शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल की योजना शुरू की है। इसी तरह डॉ नरेंद्र वर्मा द्वारा रचित गीत `अरपा, पैरी के धार…“ को राज गीत बनाया गया है ।
रसायनिक खाद की कमी
मुख्यमंत्री (CM BHUPESH BAGHEL) ने कहा कि पूरे देश में रसायनिक खाद की कमी है । हमारे देश में करीब 38 लाख मैट्रिक टन रसायनिक खाद की जरूरत है लेकिन देश में अभी करीब 18 लाख मैट्रिक टन रासायनिक खाद का ही उत्पादन हो पा रहा है । छत्तीसगढ़ के गोठानो में बने वर्मी और कंपोस्ट खाद के माध्यम से खेती किसानी को बढ़ावा मिला है। इससे जमीन को उर्वर बनाने में तथा उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिली है। इस बात की जरूरत है कि हमारे किसान और ग्रामीण आगे भी वर्मी खाद और कंपोस्ट खाद का उत्पादन बढ़ाए और उसका उपयोग करें । इससे रसायनिक खाद से होने वाली कमी से उनके खेत प्रभावित नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के किसानों से हाथ उठाकर शपथ दिलाई की वे गोठानो को पैरा दान करें । उन्होंने उतेरा फसल को बचाने के लिए अपने जानवरों को खुला चरने के लिए बाहर नहीं छोड़ने की अपील भी की, इससे दूसरी फसल उतेरा को लाभ मिलेगा।