दिल्ली। दुनियाभर में पिछले साल से कोरोना महामारी (WHO) ने कहर बरपा रखा है। भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर के कोई आसार नहीं हैं, लेकिन यूरोप सहित रूस और चीन में कोरोना ने एक बार फिर सर उठाना शुरू कर दिया है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को लेकर गंभीर बात कह दी है। WHO के अनुसार, यूरोप और मध्य एशिया के करीब 53 देशों में कोरोना वायरस की एक और लहर का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि, इनमें से अधिकतर देश पहले से ही महामारी की नई लहर का सामना कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख डॉ. हैन्स क्लूज ने गुरुवार को यह जानकारी दी। वो बोले, ‘कोरोना मामलों की संख्या एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने लगी है। क्षेत्र में इसके फैलने की रफ्तार गंभीर चिंता बयां कर रही है।
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आज हम वहीं खड़े हैं जहां कल थे
डॉ. हैन्स क्लूज ने डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में WHO के यूरोप मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘हम कोरोना महामारी के उभार को लेकर अहम मोड़ पर खड़े हैं।’ उन्होंने यूरोप को एक बार फिर महामारी का केंद्र बताया है। उनका कहना था, ‘आज फिर हम वहीं हैं जहां हम एक साल पहले थे। डॉ. क्लेज ने आगे कहा, बस इसमें फर्क यह है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस के बारे में पहले से ज्यादा जानकारी है। उनके पास इससे मुकाबला करने के लिए बेहतर उपकरण हैं।’
टीकाकरण दर की कमी से बढ़ा संक्रमण
डॉ. हैन्स क्लूज ने अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा, कि ‘वायरस के फैलाव को रोकने वाले उपायों तथा कुछ क्षेत्रों में टीकाकरण की कम दर के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘पिछले एक हफ्ते में यूरोप के 53 देशों के क्षेत्र में कोविड की वजह से लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है। यह चिंताजनक हालात हैं।
अगले साल फरवरी तक स्थिति भयावह होगी
डॉ.क्लूज ने कहा, कि अगर यह स्थिति जारी रहती है, तो इस क्षेत्र में अगले साल फरवरी तक 5 लाख और लोगों की महामारी के कारण मौत हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप ऑफिस ने कहा, कि ‘क्षेत्र में साप्ताहिक मामले करीब 18 लाख आए हैं, जो पिछले हफ्ते की तुलना में 6 फीसदी अधिक हैं। साप्ताहिक तौर पर 24,000 मौतें हुई, जिसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’ उन्होंने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।