जम्मू. शोपियां (Shopia encounter case) जिले में जुलाई 2020 में सेना द्वारा कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए राजौरी के 3 लोगों के शवों को कब्र से निकालकर शनिवार को परिजनों के सुपुर्द किया गया था। परिजनों ने गृहनगर के कब्रिस्तान में मृतको का शव दफनाया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शवों को कब्रों से बाहर निकालने और परिवार को सौंपने की पुष्टि की है।
यह है पूरा मामला
18 जुलाई को सेना ने दावा किया था दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले (Shopia encounter case) में ऊंचाई वाले इलाके के अमशीपुरा गांव में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर खबरें आईं कि जम्मू के राजौरी जिले के 3 लोग अमशीपुरा में लापता हो गए हैं। जिसके बाद सेना ने जांच शुरू की। शोपियां में मजदूरी करने वाले इन लोगों के परिवारों ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
सेना ने रिकॉर्ड चार हफ्ते में जांच पूरी करने के बाद 18 सितंबर को कहा कि प्रथम दृष्टया उसने पाया है,कि उसके सैनिकों ने मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के तहत मिली शक्तियों के परे जाकर काम किया है और उसने इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है।
इनके शव परिजनों को सौंपे गए
राजौरी (Shopia encounter case) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कोहली ने ‘पीटीआई-भाषा को बताया, तीनों शवों को उनके परिवार के सदस्यों ने शनिवार शाम उनके पैतृक कब्रिस्तानों में दफना दिया। अधिकारियों ने बताया कि मोहम्मद इबरार (21) और इम्तियाज अहमद (26) को धारसकरी में उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया, जबकि इबरार अहमद (18) को उनके निकटवर्ती तरकासी गांव में दफनाया गया।
पुलिस अधीक्षक कोहली के अनुसार शवों को दफनाये जाने के समय उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) और एसएसपी के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले 30 सितंबर को कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा था, कि मृतकों के डीएनए के नमूनों का परिवार के सदस्यों के डीएनए से मिलान हो गया है। इसलिए तीनों शवों को बाहर निकालकर कानूनी प्रक्रिया पूरी करके परिवारों को सौंप दिया जाएगा। इस बीच जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के उपाध्यक्ष चौधरी जुल्फिकार अली ने परिवार के सदस्यों को शव सौंपने के फैसले की सराहना की और दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की।