मुंबई। दम लगा के हईशा, शुभ मंगल सावधान और टॉयलेट: एक प्रेम कथा जैसी बेहतरीन फिल्मों की लिड ऐक्ट्रेस रही भूमि पेडनेकर ने हिंदी सिनेमा को लेकर अपने मन की बात कहीं है।
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भूमि का मानना है कि “अब समय आ गया है कि हिंदी सिनेमा अपनी फिल्मों में जीने का एक स्थायी तरीका दिखाना चाहिए।”
ऐक्ट्रेस भूमि ने मीडिया को इंटरव्यू देते हुए कहा कि “मुझे निश्चित रूप से लगता है कि यह उचित समय है कि हिंदी सिनेमा अपनी फिल्मों में जीने का एक स्थायी तरीका दिखाना शुरू करे।
मुझे लगता है कि एक बिरादरी के रूप में हम जाग गए हैं और मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करना चाहूंगी कि हम अन्य इंडस्ट्री की तुलना में अधिक जागरूक हैं, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हम पर्याप्त नहीं कर रहे हैं।”
उनका मानना है कि “संवाद प्रदान करने वाली फिल्मों में कहानियों की जरूरत है।” भूमि ने कहा कि “मुझे लगता है कि हमें फिल्मों में ऐसी कहानियों की जरूरत है,
जो संचार प्रदान करें क्योंकि यह संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का सबसे शक्तिशाली माध्यम है।” फिलहाल भूमि के पास तीन फिल्में “मिस्टर लेले”, “रक्षा बंधन” और “बधाई दो” पाइपलाइन में हैं।