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मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को नवाखाई और ठाकुर जोहरनी महापर्व की दी बधाई

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को नवाखाई एवं ठाकुर जोहरनी महापर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि धान का कटोरा कहा जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य, अपनी समृद्ध परंपराओं के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के उत्सव, पर्व खेती पर आधारित होते हैं। धान की बुआई-रोपाई से लेकर फसल कटने तक राज्य के किसान विभिन्न प्रकार के सामूहिक उत्सव और पर्व मनाते हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य में धान की रोपाई के समय आदिवासी अंचल के किसान बीज पंडुम पर्व मनाते हैं। धान की फसल में बालियां आना शुरू होने पर आदिवासी अंचल के लोग नवाखाई पर्व सामूहिक उत्सव के रूप में मनाते हैं। आज के दिन राज्य के आदिवासी अंचल में सामूहिक उत्सव के रूप में नवाखानी तिहार मना रहे है। आदिवासी संस्कृति में नवाखाई पर्व का विशेष महत्व है, आदिकाल से यह परंपरा चली आ रही है।

इस मौके पर धान की नई बाली को सर्व प्रथम अपने इष्ट देवताओं को अर्पित कर परिवार के लोग उस नए अनाज को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इष्ट देव की कृपा से ही संस्कृति समृद्ध होती है। 16 सितम्बर गुरूवार को ठाकुर जोहरनी पर्व मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सभी समाज के लोगों की परंपराओं एवं उनकी सांस्कृतिक मान्यताओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए काम कर रही है। राज्य की कला एवं संस्कृति को अक्षुण्य बनाए रखने और इसको आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की समस्याओं के निदान एवं उनके हितों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा संवेदनशील पहल की गई है। आदिवासी समाज से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए राज्य सरकार ने मंत्रिमण्डलीय उप समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के सचिवों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। यह कमेटी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं प्रमुखों से सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास के साथ-साथ आदिवासी समाज के संवैधानिक हितों के संरक्षण के लिए विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट मंत्रिमण्डलीय उप समिति को प्रस्तुत करेगी। मंत्रिमण्डलीय उप समिति इस पर विचार-विमर्श अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज के हितों के संरक्षण के लिए सरकार वह हर संभव कदम उठाएगी, जिसकी आवश्यकता होगी। राज्य सरकार आदिवासियों के हकों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।