रायपुर। मानसून सत्र में हुए हंगामें और कांग्रेस सांसदों के मार्शलों के साथ हुई धक्कामुक्की को लेकर भाजपाने कांग्रेस पर तीखा निशाना साधा है। इस मामलें में छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदेव साय और सांसद सुनील सोनी ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए है।
विष्णुदेव साय ने कहा कि “देश पर आपातकाल थोप कर सारे मौलिक अधिकार ख़त्म कर देने वाली कांग्रेस वास्तव में अपनी तानाशाही, झूठ और गुंडागर्दी से संसद तक को कलंकित करने के अभियान पर निकल पड़ी है।”
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इधर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि “विपक्षी सांसदों द्वारा किये इस वारदात से हम छत्तीसगढ़ के सांसद सबसे अधिक असहज और लज्जित महसूस कर रहे हैं। प्रदेश की दो कांग्रेस सांसद ने वास्तव में प्रदेश को शर्मिन्दा किया है। हम सब जानते हैं कि समूचे राष्ट्र में छत्तीसगढ़ की पहचान सबसे सभ्य और शालीन लोगों के रूप में, एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में होती रही है, लेकिन इस सत्र में यहां की कांग्रेस सांसदों ने जो व्यवहार किया, वह अक्षम्य है। कोई सड़क छाप व्यक्ति भी ऐसा नहीं करता कभी।”
सोनी ने कहा कि “न केवल उन्होंने असामाजिक तत्वों की तरह व्यव्हार किया बल्कि सीधे-सीधे झूठ बोलती नज़र आयी वे, जिसका खुलासा राष्ट्रीय चैनलों पर आये तमाम वीडियो और उसके विश्लेषण से हो गया। वास्तव में इनलोगों ने ऐसी हरकत की है जिसके लिए इन्हें मूंह छिपाने की भी जगह नहीं मिलनी चाहिए।
देश की सबसे बड़ी पंचायत में इन्होंने छत्तीसगढ़ को शर्मिन्दा किया है। सदन के मार्शलों तक को घायल किया है इन्होंने। जहां तक राहुल गांधी का सवाल है तो उनकी कोई भी करतूत अब चर्चा के लायक भी नहीं है लेकिन छग के सम्मानित सांसदों से ऐसी उम्मीद तो कतई नहीं थी।”
झूठ बोलकर गुमराह कर रही-सोनी
सांसद सोनी ने कहा कि “महिला मार्शल अक्षिता भट्ट ने साफ़ बताया कि महिला सासंदों छाया वर्मा और फूलोदेवी नेताम पर सीधे आरोप लगाया है कि इन्होंने न केवल मार्शल को घसीटा, बल्कि पुरुष साथियों के साथ उसे घसीटा गया, मेरी बांह खीची और उसे शारीरिक और बल पूर्वक घसीटा गया है। जबकि लगातार छाया वर्मा झूठ बोल कर सबको गुमराह कर रही थी। यह दुखद है।
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हमें कांग्रेस से न तो माफी की उम्मीद है और न ही वे शर्मिन्दा होंगे अपने इस वारदात से। लेकिन प्रदेश की जनता इन तमाम विषयों को उसके सही सन्दर्भ में देखे और वे विचार करें कि क्या ऐसे ओग और ऐसे दल को वे कभी अपना समर्थन देंगे ? यही सबसे बड़ा सवाल है।”