रायपुर। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (SCERT) अब बच्चों के अलावा पालकों के लिए भी पुस्तक लिखने का कार्य करेगा। प्रौढ़ शिक्षार्थियों की आवश्यकता का आंकलन कर अब उन्हें भी बुनियादी साक्षरता एवं गणित सिखाया जाएगा। इसकेे लिए राज्य के 32 लेखकों का पैनल द्वारा लेखन कार्य शुरू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति जारी होने के बाद न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के तहत राज्य साक्षरता केंद्र प्रकोष्ठ SCERT में स्थापित किया गया है। सर्वप्रथम प्रौढ़ शिक्षार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मापदंडों के अनुरूप लर्निंग आउटकम्स (सीखने के प्रतिफल) के 13 बिंदुओं को ध्यान में रखकर एक नई प्रवेशिका तैयार की जा रही है।
इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें बुनियादी साक्षरता एवं गणितीय कौशल, जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, सतत् शिक्षा के अंतर्गत डिजिटल साक्षरता, कानूनी साक्षरता, वित्तीय साक्षरता जैसे उपयोगी विषयों को शामिल किया गया है। एससीईआरटी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से बस्तर संभाग से सरगुजा संभाग तक लेखन कार्य करने वाले रचनाकारों एवं शिक्षकों को लेखन कार्य के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस कार्य में यूनिसेफ सहित अन्य संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। राज्य स्तरीय कार्यशाला 11 से 13 अगस्त तक एससीईआरटी में संचालित है। कार्यशाला में प्रवेशिका की तैयारी के लिए चार समूह का नामकरण राज्य की महानदी, अरपा, इंद्रावती और शिवनाथ नदी के नाम पर किया गया है।
SCERT की पुस्तकें इन पर फोकस
एससीआरटी द्वारा बनाई जाने वाली प्रवेशिका में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोक परंपरा, क्षेत्रीय विशेषता एवं छत्तीसगढ़ की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर विषय चयनित किए गए है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार नीड एसेसमेंट फॉर एडल्ट लर्नर अर्थात प्रौढ़ शिक्षार्थियों की आवश्यकता का आंकलन किए जाने हेतु 5 संभाग के 15 जिलों में एक विशेष सर्वे कराया गया, जिसके निष्कर्ष के आधार पर छत्तीसगढ़ की आवश्यकताओं को प्रवेशिका में शामिल किया जा रहा है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों सहित सेवानिवृत्त शिक्षाविदों का भी सहयोग लिया जा रहा है।