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मिनीमाता की पुण्यतिथि, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया नमन

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रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि “मिनीमाता ने समाज के निचले तबके के कल्याण के लिए और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने नारी शिक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किये। उनका जीवन हम सबके लिए अनुकरणीय है।”

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी मिनीमाता ने मानवता और समाज सेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। असम में जन्मी मिनीमाता विवाह के बाद छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रच-बस गई। उनकी सक्रियता से संसद में सामाजिक उत्थान संबंधी कई कानून बने। दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई।

उन्होंने मानव कल्याण, नारी उत्थान, किसान, मजदूर, छूआ-छूत निवारण कानून, बाल विवाह, दहेज प्रथा, निःशक्त व अनाथों के लिए आश्रम, महिला शिक्षा और छत्तीसगढ़ के लिए आंदोलन जैसे जनहित के अनेक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मजदूरों को एकजुट करने के लिये उन्होंने छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिनीमाता ने महिला अस्मिता को एक नई ऊंचाई दी है। उनकी स्मृति में छत्तीसगढ़ सरकार ने समाज एवं महिलाओं के उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनीमाता पुरस्कार की स्थापना की है। राज्य में हसदेव बांगो बांध को मिनीमाता के नाम से पहचान दी गई है। मिनीमाता का सेवाभावी और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सदैव याद किया जाएगा।