दिल्ली। कोरोना काल में ऑक्सीजन (OXYGEN DEATH) की कमी के चलते कितने मरीजों की मौत हो गई। इस सवाल ने केंद्र सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। सदन में विपक्ष द्वारा पूछे गए इस सवाल पर खूब बवाल हुआ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक भी मौत ना होने की बात दोहराई, तो पूरे देश में केंद्र सरकार के इस जवाब का विरोध हुआ।
विरोध के बीच केंद्र सरकार ने सब राज्यों से ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का आंकड़ा देने का निर्देश जारी किया। केंद्र सरकार के इस निर्देश का पालन राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नहीं कर रहे है। अब तक मात्र १३ राज्यों ने केंद्र से जानकारी साझा की है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने राज्योंं से ऐसे मामलों के आंकड़े देने की अपील की थी। जिसमें मरीज की मौत ऑक्सीजन (OXYGEN DEATH) की कमी के चलते हुई हुई। सूत्रों के अनुसार इस आंकड़े को 13 अगस्त को खत्म हो रहे सदन के मानसून सत्र से पहले पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद ऑक्सीजन की कमी से मौत का डाटा भेजने में राज्य दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।
राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों ने नहीं भेजी जानकारी
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के सवाल पर केंद्र ने सदन में कहा था, कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत का आंकड़ा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने नहीं भेजा है। लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का मसला होता है, इसलिए केंद्र (OXYGEN DEATH) के पास राज्यों की रिपोर्ट नहीं है।