दिल्ली। एच5एन1 वायरस से मंगलवार को देश में पहली मौत होने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को बयान जारी किया है। (एम्स)
एम्स प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने अपने बयान में कहा, कि एच5एन1 वायरस का मानव से मानव में संक्रमण बहुत दुर्लभ है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। एम्स निदेशक ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हालांकि संपर्क में आने से बचना चाहिए और वायरस के कारण जहां पर बच्चे की मौत हुई, उस क्षेत्र से नमूने लिए जाने की जरूरत है तथा कुक्कुटों की मौत पर नजर रखनी चाहिए।
आपको बता दे कि हरियाणा के 12 वर्षीय मासूम की मंगलवार को दिल्ली एम्स में बर्ड फ्लू संक्रमण की चपेट में आने के बाद मौत हो गई थी। इस घटना के बाद एम्स प्रमुख ने पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले लोगों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।
दुर्लभ स्थिति में होता है प्रसार
एम्स के मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज ने कहा, कि एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों की बीमारी है। मानव से मानव के बीच संक्रमण प्रसार होने का अब तक प्रमाण नहीं मिला है।
उन्होने संक्रमण वाले स्थानों की जानकारी होने और वहां सर्वे कराने की बात कही है। डॉ नीरज ने कहा, कि सीरो सर्वेक्षण में बिना लक्षण वाले मामलों में कोई प्रमाण नहीं मिला है। उपचार के दौरान स्वास्थयकर्मियों में संक्रमण के लक्षण भी नहीं दिखे है।
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प्रवासी पक्षियों से होता है मर्गे-मुर्गियों में
एम्स प्रमुख ने कहा, कि पूर्व में बर्ड फ्लू के लक्षण सामने आए तो संक्रमण वाले स्थानों की मुर्गे-मुर्गियों मारने का निर्देश जारी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एच5एन1 वायरस का प्रसार मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों के जरिए कुक्कुटों में होता है।
गुलेरिया ने कहा कि जो लोग पोल्ट्री के निकट संपर्क में काम करते हैं, उनमें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। 12 वर्षीय मासूम की मौत के बाद जिन स्वास्थ्यकर्मियों के संपर्क में मासूम आया है, उनकी मॉनीटरिंग का निर्देश एम्स प्रमुख ने दिया है। जनवरी में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों ने बीमारी के फैलने के बाद कुक्कुटों को मार दिया गया था।
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