रायपुर। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स की नई कार्यकारिणी पर प्रदेश के पदाधिकारियों ने ही सवाल उठा दिए हैं। चेंबर ऑफ कॉमर्स में रायगढ़ से निर्वाचित प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश मंत्री ने चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी पर मनमानी का आरोप मढ़ा है, साथ ही दोनों पदाधिकारियों ने प्रदेश कार्यकारिणी में दी गई नियुक्तियों को नियम विरुद्ध भी बताया है।
इस संबंध में दोनों ने रजिस्टार ऑफिस का दरवाजा भी खटखटाया है। दोनों की ओर से अधिवक्ता शरद पांडे ने रजिस्टार ऑफिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज की है, वही चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी को भी इस मामले में एक नोटिस दोनों की ओर से जारी किया गया है।
रायगढ़ से निर्वाचित प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील रामदास और प्रदेश मंत्री शक्ति अग्रवाल ने चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी को गैर सम्मत और संविधान के विपरीत नियुक्तियों पर यह आपत्ति दर्ज की है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाए हैं कि ऐसे लोगों को पद में बिठाया जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य तक नहीं है। यह कृत्य पूरी तरह से असंवैधानिक और तानाशाही रवैया को दिखाता है।
इधर इस मामले पर चेंबर के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल ने कहा कि “चुनाव के वक्त अमर परवानी ने कहा था कि चेंबर में सभी को साथ लेकर चलेंगे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनके सभी वादे खोखले साबित हो रहे है। मनमानी नियुक्तियां और निर्वाचित प्रत्याशियों से भेदभाव यह स्पष्ट करता है कि अमर परवानी चेंबर में राजनीति कर रहे है।
उन्होंने कहा कि आज तक चेंबर के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ के विजयी प्रत्याशियों को दरकिनार किया गया हो, चाहे वह किसी भी पैनल के हों। इसके साथ ही उन प्रत्याशियों को भी महत्व दिया जाता रहा है, जो निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेते है।
योगेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले कार्यकाल का ही उदाहरण यदि लिया जाए तो जितेंद्र बरलोटा जी ने यूएन अग्रवाल जी के पैनल से भी निर्वाचित प्रत्याशियों को साथ लेकर ही चेंबर के सारे कामकाज संपादित किए थे, लेकिन वर्तमान अध्यक्ष की रीति नीति में यह बातें कहीं नजर नहीं आ रही है। ऐसा लगता है कि वह चेंबर अध्यक्ष चेंबर के अंदर और व्यापारी जगत में दो गुट तैयार करना चाह रहे हैं। जब कि व्यापार जगत में चुनाव के बाद सभी व्यापारी एक परिवार की तरह रहते आ रहे है।