जमीयत-उलेमा हिंद ने यूपी को आतंकी हमलों से दहलाने की साजिश के आरोपों में गिरफ्तार अलकायदा के कथित आतंकवादियों को कानूनी मदद मुहैया कराने का ऐलान किया है। इस पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि आखिर आतंकवाद के आरोपियों की तरफ से कोई संगठन कानूनी लड़ाई क्यों लड़ेगा। इसके पीछे राजनीतिक मंशा है।
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि हर शख्स के पास कानूनी मदद पाने का अधिकार है लेकिन आतंक के आरोपियों की ओर से कोई संगठन आखिर कानूनी लड़ाई कैसे लड़ सकता है।
कोहली ने कहा, ‘हर व्यक्ति के पास कानून की तय प्रक्रिया से गुजरते हुए कानूनी सहायता पाने का हक है। हालांकि, यह सवाल उठता है कि एक संगठन ने शायद राजनीतिक वजहों से आतंकवाद के आरोपियों के लिए कानूनी लड़ाई का फैसला किया है। क्या इस तरह के संगठन आतंकवाद के पीड़ितों की भी ऐसी मदद करेंगे?’
दरअसल, जमीयत उलेमा ए हिंद ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह यूपी एटीएस की तरफ से लखनऊ से गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कानूनी मदद देगा। जमीयत ने कहा कि आरोपियों के परिजनों ने कानूनी मदद की गुहार लगाई थी जिसके बाद उनके केस को लड़ने के लिए एक वकील की नियुक्ति की गई है।
बातचीत में जमीयत के प्रमुख अरशद मदन ने आरोप लगाया कि सुरक्षा एजेंसियां बिना किसी सबूत के मुस्लिम युवकों को निशाना बना रही हैं। इनमें से सैकड़ों युवा कोर्ट में बरी हो रहे हैं। उन्होंने केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग करते हुए ऐलान किया कि जमीयत इस केस को तार्किक अंजाम तक ले जाने तक लड़ेगी।
दरअसल, यूपी एटीएस ने दावा किया है कि उसने लखनऊ को दहलाने की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है। एटीएस ने अल-कायदा समर्थित अंसार गजावतुल हिंद से जुड़े मसीरुद्दीन और मिन्हाज अंसारी नाम के दो आतंकियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ के आधार पर एटीएस ने बुधवार को 3 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया।