नईदिल्ली। इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) शुक्रवार को 50,000 करोड़ रुपए से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध बैंक बन गया है. इसने एम-कैप रैंकिंग में अपने साथियों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) को पछाड़ दिया है. पिछले एक महीने में आईओबी का बाजार मूल्य 57 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि पीएनबी में 4 प्रतिशत की गिरावट और बीओबी शेयर की कीमत में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसकी तुलना में, इसी अवधि के दौरान एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 1 फीसदी ऊपर था.
आईओबी का स्टॉक 30 जून, 2021 को 29 रुपए के चार साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जो मई 2017 के बाद का उच्चतम स्तर था. आईओबी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का पीएसबी निजीकरण अभियान के पहले चरण में निजीकरण किया जा सकता है. माना जा रहा है इसी के चलते इसमें तेजी आई है. वित्तीय रूप से आईओबी का शुद्ध लाभ जनवरी-मार्च तिमाही (क्यू4एफवाई21) में दो गुना बढक़र 350 करोड़ रुपए हो गया.
बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और वृद्धि हुई है.
इसमें सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 31 मार्च, 2021 तक सकल अग्रिमों के 11.69 प्रतिशत तक गिर गई हैं, जो एक साल पहले इसी अवधि में 14.78 प्रतिशत थी. शुद्ध एनपीए 5.44 प्रतिशत से गिरकर 3.58 प्रतिशत हो गया है.बैंक ने कहा कि निदेशक मंडल के निर्देशानुसार 2021-22 के लिए पूंजी योजना को मंजूरी दे दी गई है, जिसके तहत वह पब्लिक ऑफर / राइट्स इश्यू पर फॉलो के जरिए अधिकतम 125 करोड़ शेयर तक इच्टिी शेयर जारी करेगा. यह मुद्दा सरकार या योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की भागीदारी के साथ या बिना भी हो सकता है.