रायपुर। प्रदेश की तीन वामपंथी पार्टियों ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ और कोविड राहत की मांगों को लेकर 26 जून को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला लिया है।
इस दिन किसान विरोधी कानूनों और चार श्रम संहिताओं के खिलाफ तथा सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने की मांग को लेकर मजदूर-किसानों के देशव्यापी आंदोलन के साथ एकजुटता भी प्रकट की जाएगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव संजय पराते, भाकपा के आरडीसीपी राव तथा भाकपा (माले)-लिबरेशन के बृजेन्द्र तिवारी ने एक संयुक्त बयान ज़ारी कर यह जानकारी दी।
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उन्होंने कहा कि महंगाई वृद्धि दर 10% से ऊपर चल रही है और इसने पिछले 25 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। खाने-पीने की चीजें इतनी महंगी हो गई है कि लोगों का पेट भरना मुश्किल हो गया है और भुखमरी बढ़ गई है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें महंगाई की इस आग में घी का काम कर रही है।
वामपंथी नेताओं ने कहा कि कोरोना महामारी ने लोगों की रोजी-रोटी और जिंदगी को तबाह कर दिया है। मांग के अभाव में अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में चली गई है। इस स्थिति से उबरने के लिए आम जनता को मुफ्त खाद्यान्न और नगद मदद की जरूरत है।
इन मांगों पर केंद्रीत होगा प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल-डीजल सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और कालाबाज़ारी व जमाखोरी पर रोक लगाने, प्रति व्यक्ति 10 किलो खाद्यान्न सहित सभी गरीब परिवारों को मुफ्त राशन किट देने, आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को प्रति माह 7500 रुपयों की नगद मदद देने की मांग की जा रही है।
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इसके आलावा कोरोना मौत से प्रभावित हर परिवार को आपदा प्रबंधन कानून के अनुसार चार लाख रुपयों की मदद करने आदि मांगों पर वामपंथी पार्टियों द्वारा देशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है।