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बाबा रामदेव के विरूद्ध IMA ने रायपुर के सिविल लाईन्स पुलिस थाने में दर्ज कराई FIR

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रायपुर : पूरी दुनिया में योग का लोहा मनवा चुके बाबा रामदेव की मुश्किले कम नहीं होती दिख रही है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का है। यहां बाबा रामदेव का पृरा नाम योग गुरु राम कृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव के खिलाफ मइंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की शिकायत पर एफ आईआर दर्ज किया गया है. सिविल लाइन थाना में बाबा रामदेव के खिलाफ धारा विभिन्न धाराओं के तहत 186, 188, 269, 270, 504, 505 (1), 51, 52, 54 मामला दर्ज किया गया है।

गलत बयानबाजी के कारण हुआ विवाद

26 मई को आईएमए पदाधिकारियों द्वारा दिए गए आवेदन में कहा था कि रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव वल्द रामनिवास यादव स्थाई पता सैय्यद अलीपुर कस्बा नांगल चौधरी जिला महेन्द्रगढ हरियाणा अस्थायी पता पतंजलि योगपीठ, महर्षि दयानंद ग्राम, दिल्ली- हरिद्वार नेशनल हाइवे नियर बहदरबाद हरिद्वार (उत्तराखंड) द्वारा चिकित्सक समुदाय और कोरोना संक्रमण काल के दौरान दवाइयों के बारे मे दुष्प्रचार, केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लघंन, विद्वेष की भावना से भ्रम फैलाने, आम जनता और स्वास्थय सेवाओ से जुडे लोगो की जानमाल को खतरे में डालने के सबंध में बयान दिया था।

इसके बाद पुलिस ने शिकायत पत्र जांच पर पाया गया कि छ.ग. शासन के आदेश पर धारा 186, 188, 269, 270, 504, 505(1) भा.द.वि. तथा धारा 51, 52, 54 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं महामारी अधिनियम का स्पष्ट उल्लघंन पाये जाने से धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाता है।

एलोपैथिक डॉक्टरों में है नाराजगी

डॉक्टरों द्वारा शिकायत में आईएमए ने ये भी कहा गया कि ऐसे अन्य कई वीडियो है. जैसा कि आपको ज्ञात है कि पूरे देश का चिकित्सक और पैरामेडिकल सहित शासन प्रशासन के सभी अंग एक साथ मिल कर, कोरोना संक्रमण से लडाई लड रहे है. ऐसे समय में बाबा रामदेव द्वारा कहे गए वीडियो में केंद्रीय महामारी एक्ट, शासन द्वारा दिशा निर्देशित नीतियो के बारे में राजद्रोह और दवाइयों के बारे में भ्रमपूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे है।

चिकित्सको के बारे में कहे गए शब्द मानहानिकारक, विद्वेष से भरे हुए अपमानजनक और उनके जीवन को खतरे मे डालने वाले है. चिकित्सा जगत के खिलाफ उकसाने वाली भाषा के इस्तेमाल से चिकित्सक वर्ग अनायास ही उपद्रवी तत्वो के निशाने पर आ जाएगा और देशभर में अशांति फैलने की आशंका है। जिसे लेकर देश के डॉक्टरों में काफी नाराजगी है।