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कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर मिलेगी बीजों एवं पौधों की उपलब्धता की जानकारी

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रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत संचालित सभी कृषि महाविद्यालयों एवं अनुसंधान केन्द्रों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र में विभिन्न फसलों के बीजों और पौधों की उपलब्धता की अद्यतन जानकारी अब विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर देखी जा सकेगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त प्रक्षेत्रों की समीक्षा बैठक के दौरान इस अपडेटेड सॉफ्टवेयर का लोकर्पण किया। इस सॉफ्टवेयर में सभी प्रक्षेत्रों की आधरभूत जानकारी भी होगी जिससे योजना बनाने एवं निरीक्षण करने में भी सुविधा होगी। समीक्षा बैठक में डॉ. पाटील ने कहा कि विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रक्षेत्रों में बीजोत्वादन के साथ-साथ अनेक नई गतिविधियों शुरू की गई है जिससे युवाओं और किसानों को रोजगार मिलेगा तथा उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। डॉ. पाटील ने छत्तीसगढ़ की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इन प्रक्षेत्रों में संकर एव उन्नत प्रजातियों के सब्जी बीजों का उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रक्षेत्रों की आय में वृद्धि हेतु समुचित उपाय अपनाने के भी निर्देश दिए।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अन्तर्गत कार्यरत सभी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्रों, विश्वविद्यालय अनुदेशक एवं अनुसंधान प्रक्षेत्र, रायपुर एवं 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रक्षेत्रों की वर्चुअल समीक्षा बैठक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. एस.के. पाटील की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में डॉ. आर.के. बाजपेयी, संचालक अनुसंधान, डॉ. एस.सी. मुखर्जी, निदेशक विस्तार, डॉ. एस.एस. सेंगर, निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) डॉ. जी.के.दास, निदेशक शिक्षण, सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, कृषि विज्ञान केन्द्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. आर.आर. सक्सेना, डॉ. विवेक त्रिपाठी, सह संचालक अनुसंधान, वरिष्ठ वैज्ञानिक गण एवं प्रक्षेत्र प्रभारी उपस्थित थे। कुलपति डॉ. पाटील ने कृषि विज्ञान केन्द्र, कांकेर के प्रक्षेत्र को आदर्श बताते हुए अन्य केन्द्रों को अनुकरण करने को कहा। इस वर्ष कोदो, कुटकी, रागी के बीजों की मांग को देखते हुए जगदलपुर में इस वर्ष खरीफ से बीजोत्पादन शुरू करने का कहा। डॉ. पाटील ने गत वर्ष विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रक्षेत्रों द्वारा 40.00 लाख शंकरकंद की उन्नत किस्मों की वाइन उत्पादन कर शासन की पोषण बाड़ी विकास योजना में आपूर्ति करने की प्रशन्नता व्यक्त की। आलू एवं समशीतोष्ण फल अनुसंधान केन्द्र, मैनपाट में आलू के बीजोत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कुलपति डॉ. पाटील ने विश्वविद्यालय की 14 नर्सरी को फल एवं सब्जी के पौध उत्पादन हेतु भारत सरकार से मान्यता मिलने पर

हर्ष व्यक्त किया। डॉ. पाटील ने रायपुर या किसी एक कृषि विज्ञान केन्द्र में इस वर्ष श्वान प्रजनन ईकाई तथा रंगीन पक्षी ईकाई प्रारंभ करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कृषि विज्ञान कोंडागांव के प्रक्षेत्र, में लगाए गए खजूर के पौधों की तरह इस वर्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, महासमुंद एवं कवर्धा में भी खजूर की उन्नत किस्में लगाने का निर्देश दिया गया है। बैठक में विभिन्न प्रक्षेत्रों द्वारा प्राप्त लाभांश राशि कुलपति महोदय को सौंपी गई।

इस वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ. एस.एस. सेंगर ने प्रक्षेत्रों में फसलों की उन्नत किस्मों के बीज उत्पादन मांग के अनुसार करने पर जोर देते हुए उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया। डॉ. जी.के.दास, पूर्व निदेशक प्रक्षेत्र ने विश्वविद्यालय के सभी प्रक्षेत्रों की वर्तमान स्थिति एवं संभावनाओं पर प्रकाश डाला। निदेशक विस्तार डॉ. एस.सी. मुखर्जी ने प्रक्षेत्रों में बीजोउत्पादन के साथ-साथ अन्य कृषि अधारित गतिविधियों जैसे मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, बटेर पालन, वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का आग्रह किया तथा अतिरिक्त रोजगार का सृजन एवं आय में बढ़ोत्तरी की जा सके। तदुपंरात सभी प्रक्षेत्रों के प्रभारियों द्वारा विगत वर्ष की विभिन्न गतिविधियों का ऑनलाईन प्रस्तुतीकरण दिया एवं अधिकारियों द्वारा सुधार हेतु निर्देश दिये गये।