नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर से उपजी नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा सेवा को माध्यम बनाएगी। पार्टी महासचिवों और विभिन्न मोर्चा के अध्यक्षों के साथ दो दिवसीय बैठक में इस संबंध में पार्टी ने कई निर्णय लिए हैं।
बैठक के बाद इन निर्णयों की जानकारी देने के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महासचिवों-मोर्चा अध्यक्षों के साथ फिर प्रधानमंत्री से मुलाकात की। गौरतलब है कि बैठक के पहले दिन शनिवार को नड्डा ने सेवा ही संगठन अभियान की समीक्षा की थी।
दरअसल पार्टी को अगले साल उत्तर प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव का सामना करना है। इनमें पंजाब को छोड़ कर छह राज्यों में भाजपा की सरकार है। अगले साल राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई व्यापक क्षति के कारण लोगों में नाराजगी है। भाजपा नहीं चाहती कि इस नाराजगी का असर विधानसभा चुनाव पर पड़े।
तैयार होंगे एक लाख स्वास्थ्य स्वयंसेवक
बैठक के बाद पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि भविष्य में कोरोना जैसी आपदा से नुकसान को कम करने के लिए बैठक में एक लाख स्वास्थ्य स्वयं सेवक तैयार करने का फैसला किया गया है। इन स्वयंसेवकों को वेंटिलेटर्स सहित अन्य तकनीकी कार्य के संचालन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। महिला मोर्चा को कुपोषण के खिलाफ अभियान छेडऩे के लिए कहा गया है।
इस क्रम में मोर्चा की कार्यकर्ता सरकार के पोषण अभियान को सफल बनाने में जुटेंगी। अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा वन धन योजना तो किसान मोर्चा कृषि उत्पाद संगठनों पर किसानों को प्रशिक्षित करने का अभियान शुरू करेगा।
बंगाल हिंसा पर चर्चा
बैठक में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीतिक हिंसा पर भी चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए केंद्रीय स्तर के नेता और मोदी सरकार के मंत्री नियमित रूप से राज्य का दौरा करेंगे। कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा मामले में आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे।
पीएम से मुलाकात
शनिवार की तरह ही रविवार को भी नड्डा ने महासचिवों, मोर्चा के अध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात में पीएम को बैठक में हुई चर्चा और भविष्य के लिए बनाई गई रणनीति की जानकारी दी गई।