वाशिंगटन : ईरान समर्थित मिलिशिया ने हाल के महीनों में इराक में अमेरिका की ओर से इस्तेमाल किए गए ठिकानों पर हमला करने के लिए लड़ाकू ड्रोन का इस्तेमाल किया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के पूर्व अधिकारी माइकल पी मुलरॉय ने कहा, ड्रोन से हमला एक बड़ी बात है, जो हमारे सैनिकों के सामने सबसे महत्वपूर्ण खतरों में से एक है।
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक पिछले दो महीनों में कम से कम तीन बार ईरान की ओर से छोटे, विस्फोटक ड्रोन का इस्तेमाल किया है। देर रात भी इराकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। जिन ठिकानों पर हमला हुआ उनमें सीआईए और अमेरिकी विशेष अभियांन इकाइयां भी शामिल हैं।
इस मामले के जानकार तीन अमेरिकी अधिकारियों ने समाचार आउटलेट को बताया कि हमलों में इस्तेमाल किए गए ड्रोन आंशिक रूप से बरामद किया गया है और इसके विश्लेषण से पता चला कि ड्रोन ईरान में या ईरान की ओर से प्रदान की गई तकनीक से बनाया गया है।
ईरान इस उम्मीद के साथ अमेरिका पर दबाव बनाने के लिए अपनी सेना का उपयोग कर रहा है कि वह 2015 के परमाणु समझौते के तहत देश पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटा देगा। जहां ईरान ने उस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपनी परमाणु गतिविधियों को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी।