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गांव में कोरोना का डर नहीं, ​लोगों में अंधविश्वास हावी… वैक्सिंग लेने से कतरा रहे हैं गांव के लोग

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी को लेकर जहां भारत सहित पूरी दुनिया जहां एक ओर परेशान है । भारत में कोरोना वायरस बीमारी से पूरी तरह से जूझ रहा है क्योंकि पहली लहर से भारत तो मर चुका था लेकिन दूसरी लहर ने भारत में खूब दवाई मचाई है ।

लेकिन एक और यह भी देखने को मिल रहा है कोरोनावायरस को लेकर भारत के गांव में उन लोगों में बहुत ज्यादा खौफ नहीं है । क्योंकि देखा जाए तो देश की लगभग 70प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है।

कोरोनावायरस वायरस गांव में ना के बराबर है, गांव में देखा जा रहा है कि लोग कोविड-19 का टीका लेने से परहेज कर रहे हैं। कोरोना महामारी के समय में पत्रकारों के लिए भी उतना ही मुश्किल समय है जो जितना हम लोगों के लिए और ऐसे में कहीं ना कहीं रिपोर्टिंग भी शहरों में ही सिमट कर रह गई।

एक आंकड़े के हिसाब से देश में लगभग 300 रिपोर्टरों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है। देश की जितने भी शहर हैं लगभग बहुत ज्यादा घनी आबादी है और कोरोना को घनी आबादी वाले जगह बहुत ज्यादा पसंद है, इसलिए कोरोना शहर में ज्यादा कहर बरपा रही है।

महाराष्ट्र में ही देखा जाए तो केवल मुंबई में कोरोना से लोग और सरकार बहुत ज्यादा परेशान है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से देश के गांव के लिए चिंता जाहिर की थी, क्योंकि गांव में कोविड-19 को लेकर कोई भी डर नहीं दिख रहा है, क्योंकि गांव के लोगों में लापरवाही तो साफ- साफ दिख रही है,

क्योंकि पीएम का डर कहीं ना कहीं इस बात को लेकर भी था क्योंकि गांव के वह मजदूर लोग जो बाहर में जाकर छोटे-छोटे रोजगार करने शहर की ओर जाते हैं और कहीं कहीं तो दूसरे राज्यों के मजदूर बड़े शहरों में काम की खोज में पहुंच जाते हैं अब लोग कोरोना की वजह से और शहर में काम नहीं मिल रहा है इस वजह से अपने गांव की तरफ लौट लौट आए हैं।

जो मजदूर बड़े शहरों से अपने-अपने राज्यों के गांव में वापस आए हैं वे लोग ही कोरोनावायरस बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। लेकिन इस इस डर के बाद खुशी इस बात की है कि जितनी भी लोग जो बीमार अपने अपने गांव पहुंचे उन लोगों की सही इलाज होने पर बहुत जल्द ही ठीक होने की भी रिपोर्ट आ रही है ।

क्योंकि यह एक अच्छी खबर इसलिए है क्योंकि अगर गांव कोरोनावायरस की चपेट में आ जाएगी तो फिर शहर के लोगों को खाने के लाले पड़ सकते थे । गांव में इस बीमारी को नहीं फैलने का एक वजह यह भी है इस शहरों की अपेक्षा गांव में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ज्यादा आसान रहा क्योंकि अमूमन गांव में लोगों के घर एक दूसरे से काफी दूरी पर रहा करती है इसलिए यह भी एक वजह है की गांव में कोरोनावायरस उस तरह से नहीं खेल पाया जिस तरह से शहरों में फैला हुआ है।