रायपुर। कोरोना मामलों में गिरावट आने पर सूबे के स्वास्थ्य अमले ने राहत की सांस ली ही थी कि ब्लैक फंगस के मरीज मिलने से एक बार फिर खलबली मच गई।
प्रदेश सहित रायपुर में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य अमले समेत लोगों में इससे जुड़े कई सवाल उठ रहे है।
इस बीमारी पर राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आशीष महोबिया ने कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।
उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ में ब्लेक फंगस का पाया जाना गम्भीर मामला है, क्योंकि ब्लैक फंगस के मरीजों में जान का खतरा बहुत ज्यादा रहता है, पर समय रहते अगर इसे रोका जाए तो इससे बचा जा सकता है।”
डॉ. आशीष महोबिया ने बताया कि “ब्लैक फंगस का शुरुआती अति महत्वपूर्ण लक्षण है नाक का बन्द-बन्द से लगना और कई सारी बीमारियों के साथ मोटापा ब्लैक फंगस के मामले में बड़ा खतरनाक हो सकता है, पर हम बहुत ज्यादा सावधानी लेे तो इससे बच सकते हैं।”
कोविड संक्रमित वो मरीज जो लंबे समय तक घर में ऑक्सीजन मशीन पर थे उन्हें अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता है, क्योंकि घर में हम ऑक्सीजन मशीन में पानी इस्तेमाल करते हैं,जबकि अस्पतालों में डिस्टिल वाटर या स्टेराइल वाटर युज करते हैं, वो मरीज जिन्हें शुगर हो, ऐसे मरीज जो लंबे समय तक अस्पताल में रहे हों , वो मरीज जिनमें लंबे समय तक इम्यूनिटी की दवाइयां चल रही हो ख़ास तौर पर कैंसर के मरीज , ऐसे मरीजों को ख़ास ध्यान रखना पड़ेगा। डाइबिटीज के मरीज को ज्यादा ध्यान रखना पड़ेगा।
ब्लैक फंगस : तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं…
डॉक्टर महोबिया ने ब्लैक फंगस के संबन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि यदि किसी के दांत में दर्द हो, तालू में काला स्पॉट हो रहा हो या नाक से काला पानी आ रहा हो,नाक में दर्द हो,आंखों में सूजन या आंखों को हिलाने में तकलीफ हो रही है, आंखे बाहर आ रही है, आंख और नाक के बीच सूजन हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
लक्षण प्रतीत होने पर बहुत ज्यादा पैनिक न होकर सूझबूझ से काम लेना चाहिए। लापरवाही भी उतनी ही खतरनाक है जितना पैनिक होना। स्वयं से इलाज के बदले परामर्श के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए ,आंख में तकलीफ हो तो तुरंत आई स्पेशलिस्ट और यदि नाक में तकलीफ हो तो तुरंत ई एन टी स्पेशलिस्ट से जांच कराए।