नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संकट से पार पाने के लिए हम सभी को बहुत तेजी के साथ काम करने की जरूरत है, कंपनियां अस्पतालों को ऑक्सीजन देने में देरी न करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑक्सीजन आपूर्ति में रुकावट के लिए जिम्मेदारी तय करने को कहा है। उन्होंने ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के तरीके तलाशने को कहा है। ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए क्रायोजेनिक टैंकरों की उपलब्धता बढ़ाने के उपाय, उनका आयात, एयरलिफ्टिंग और विनिर्माण पर ध्यान देने को कहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि अधिकारी राज्यों के संपर्क में हैं और ऑक्सीजन की मांग पर ध्यान दे रहे हैं। 20 राज्यों से लिक्विड ऑक्सीजन की वर्तमान मांग 6785 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो रही है। सरकार ने 21 अप्रैल से इन राज्यों को 6822 मीट्रिक टन प्रतिदिन आवंटित की है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को बताया गया कि बीते कुछ दिनों में, निजी व सार्वजनिक इस्पात संयंत्रों, उद्योगों व ऑक्सीजन निर्माताओं के योगदान के साथ गैर-आवश्यक उद्योगों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति पर प्रतिबंध के माध्यम से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता में 3,300 मीट्रिक टन प्रति दिन की वृद्धि हुई है।