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1 अप्रैल से बदल गए ये सात नियम, सरकार ने लिया ये बाद फैसला

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मार्च बीतने के साथ ही पुराना वित्तीय वर्ष समाप्‍त हो गया है। आज एक अप्रैल है। और आज से नया वित्‍तीय वर्ष 2021-22 शुरू हो गया है। 1 अप्रैल से नए फाइनेंशियल इयर की शुरुआत के साथ ही आपके जीवन पर बजटीय प्रबंधों का फर्क दिखना शुरू हो जाएगा। इस क्रम में कई जरूरी सेवाओं के लिए पहले के मुकाबले आपको अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी।

दैनिक जागरण संवाददाता के मुताबिक आज से इक्‍का-दुक्‍का न हीं, पूरे सात ऐसे नियम हैं, जो एकदम से बदलने वाले हैं। सरकार के फैसलों से जुड़े इन नियमों से आम आदमी का जीवन हर मोर्चे पर प्रभावित होगा। इसमें आपके रसोई गैस से लेकर टैक्स तक के नियम शुमार हैं।

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आज से बढ़ जाएंगे रसोई और रसोई गैस के खर्च : आज एक अप्रैल से आपकी रसोई का खर्च बढ़ने वाला है। हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस की कीमत बढ़ती-घटती है, ऐसे में कीमत बढ़ी तो रसोई गैस का अतिरिक्‍त खर्च आपको वहन करना होगा। रसोई गैस की कीमतें पहले ही 800 रुपये से ऊपर पहुंच गई है। इस हिसाब से गैस की कीमत पर आम आदमी की नजरें टिकी हैं।

बैंकों के ग्राहकों पर होगा खास असर : आज से जो एक और बड़ा बदलाव होने जा रहा है, सरकार के फैसले के मुताबिक 8 सरकारी बैकों का विलय हो रहा है।

इनमें इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, आंध्र बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और विजया बैंक शामिल हैं। आठ सरकारी बैंको के मर्जर के बाद ग्राहकों को अपने पासबुक, खाता अपडेट और चेकबुक आदि जरूरी बैंकिंग कामकाज के लिए नए बैंक का चक्‍कर काटना होगा।

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प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ के नियमों में हो रहा बदलाव : नए वित्तीय वर्ष के बजट मेंवित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह एलान किया था कि 5 लाख रुपये तक निवेश करने पर ब्‍याज कर मुक्‍त होगा। लेकिन इससे ज्यादा निवेश करने पर 5 लाख से ऊपर की रकम पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आ जाएगा। अभी प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ पर 8 फीसद की दर से ब्‍याज मिल रहा है।

इसका ब्‍याज पूरी तरह कर मुक्‍त है।

इनकम टैक्स के नियमों में हो रहा ये बदलाव : आइटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्‍या बढ़ाने के निमित बजट में कई सख्त नियमों का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है, जो अपना टीडीएस बचाने के लिए रिटर्न फाइल नहीं करते। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स भरने के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन 206AB जोड़ने की घोषणा की है। यह प्रबंध आज से लागू हो रहा है।

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श्रमिकों-कामगारों के लिए नया वेज कोड आज से होगा लागू : आज से सरकार श्रमिकों-कामगारों के लिए नया वेज कोड लागू कर रही है।

इसका असर निजी कंपनियों में, और ठेके पर काम करने वाले कुशल कामगारों पर पड़ेगा। आज से लागू हुए नए कानून के मुताबिक प्रोविडेंट फंड, पीएफ और ग्रेच्युटी मद में जमा होने वाली राशि को बढ़ाया जा रहा है। जिससे कामगारों की मासिक सैलरी पहले के मुकाबले कम हो सकती है। सरकार की ओर से लागू किए गए नए वेज कोड में कर्मी को मिलने वाली कुल सैलरी का आधा यानी 50 परसेंट से ज्यादा अलाउंस नहीं दिया जा सकता।

कंपनियों को इस कानून के तहत इंप्‍लाय की बेसिक सैलरी निश्चित ताैर पर बढ़ानी होगी। इस नियम से कामगार को प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी में लाभ होगा।

टीडीएस के नियमों में भी सरकार ने किया बड़ा बदलाव : आज से सरकार ने इनकम टैक्‍स के साथ ही टीडीएस के नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है। अब टीडीएस जमा करने वाले फॉर्म में सरकार ने दी गई सूचना के आधार पर अतिरिक्‍त आय समेत तमाम जानकारी पहले ही फीड किए जाने का प्रबंध किया है। बैंक डिपॉजिट इंट्रेस्ट इनकम, पोस्ट ऑफिस इंट्रेस्ट इनकम, डिविडेंड इनकम, कैपिटल गेन इनकम आदि जानकारी पहले से ही टीडीएस में भरा रहेगा। अभी तक करदाता को इसका अलग से जोड़-घटाव करना पड़ता था।

बड़ी कंपनियों के लिए ई-इनवॉयस : आज से केंद्र सरकार ने बड़ी कंपनियों के लिए ई-इनवॉयस अनिवार्य कर दिया है। नए नियम के तहत 50 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाली निजी कंपनियों के लिए एक कंपनी से दूसरी कंपनी के बीच होने वाले लेन-देन के लिए ई-इनवॉयस जमा करना होगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड इसकी निगरानी करेगा।