नई दिल्ली। राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने सिफारिश की है कि “55 वर्ष से कम उम्र के वयस्कों में एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (Corona vaccine) नहीं लगानी चाहिए।
समिति ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के बाद कुछ एक मामलों में खून के थक्के जमने की शिकायत आई थी। इन मामलों की जांच फिलहाल जारी है। कनाडा के राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने ये सिफारिश की है।
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कनाडा के राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि “खून के थक्के जमने के मामलों को वैक्सीन-प्रेरित प्रोथ्रॉम्बोटिक इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईपीआईटी) के रूप में जाना जाता है। जो हाल ही में यूरोप में एस्ट्रोजेनेका कोविड-19 वैक्सीन (Corona vaccine) के पोस्ट-लाइसेंश्योर उपयोग के बाद रिपोर्ट किया गया है।
अब तक पहचाने गए मामले 55 साल से कम उम्र की महिलाओं में मुख्य रूप से देखे गए हैं, हालांकि पुरुषों में भी मामले दर्ज किए गए हैं और ज्यादातर टीका लगने के चार से 16 दिनों के बीच हुए हैं।”
NACI ने अपने बयान में कहा है कि “जनसंख्या के आधार पर वीआईपीआईटी के विश्लेषण से उम्र के अनुसार यह देखते हुए कि वैकल्पिक उत्पाद उपलब्ध हैं (यानी, एमआरएनए टीके),
55 वर्ष से कम उम्र के वयस्कों को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करने और उसके लाभ के बारे में, वीआईपीआईटी से जुड़े संभावित जोखिम, विशेष रूप से कम अनुमानित दरों पर, कोविड-19 वैक्सीन का आकलन किया जा रहा है।”
Corona vaccine न देना एहतिहातन उपाए
NACI की तरफ से ज़ारी बयान में ये कहा गया है कि “एहतियाती उपाय के रूप में, जबकि हेल्थ कनाडा उभरते डेटा के आधार पर एक अपडेटेड लाभ/जोखिम विश्लेषण करता है, एनएसीआई अनुशंसा करता है कि 55 वर्ष से कम उम्र के वयस्कों को वैक्सीन न दिया जाए।
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55 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों को अभी भी सूचित सहमति के साथ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दी जा सकती है। गौरतलब है कि कनाडा में कोरोनावायरस के अब तक 976,327 मामले सामने आ चुके हैं और 22,871 मौतें हुई हैं।”