नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने नाडिया में 75 किलोमीटर की “दांडी यात्रा” पूरी की। पिछले चार दिनों में हजारों लोग दांडी यात्रा में शामिल हुए और पदयात्रा में भाग लिया। यात्रा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, सांसद देवु सिंह चौहान और विधायक अर्जुन सिंह चौहान सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च को साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी की दांडी यात्रा की तर्ज पर पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह यात्रा आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित “आजादी का अमृत महोत्सव” के उद्घाटन के अवसर पर रवाना की गई थी। पदयात्रा के चौथे दिन के दौरान, सोखरा, संदना, पलाना, दावड़ा, डभान में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने सभी पदयात्रियों का स्वागत किया।
मंगलवार को केंद्रीय मंत्री ने 17 राज्यों के अन्य यत्रियों के साथ सुबह 7:30 बजे चौथे दिन का मार्च शुरू किया। यात्रा के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सरदार पटेल भवन में केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया और पदयात्रा में भाग लिया। इस दौरान पदयात्रा नडियाद के संतराम मंदिर पहुंची जहां सभी ने भारत @75 प्रदर्शनी का भी दौरा किया।
दांडी यात्रा का ऐसा रहा सफ़र
पटेल ने पहले दिन साबरमती आश्रम से असाली तक लगभग 18 किमी की पदयात्रा की। पदयात्रा के दौरान कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। वह रात्रि विश्राम के लिए असाली में रुके जहां गांधी जी और भजन पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं।
दूसरे दिन मंत्री ने सुबह आठ बजे असाली से सैकड़ों लोगों के साथ पदयात्रा शुरू की। उन्होंने 200 साल पुराने प्राचीन स्वामीनारायण मंदिर का दौरा किया। 18 किमी पैदल चलने के बाद पदयात्रा नवागाम पहुंची जहां कलमबंधी स्कूल के बच्चों ने सभी का स्वागत किया। दांडी यात्रा के दौरान गांधी जी के इस स्कूल में रुकने से इस स्कूल का ऐतिहासिक महत्व है। खेड़ा से सांसद देवु सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्री को गुजराती पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। पटेल ने गांधीजी की प्रतिमा पर माला चढ़ाई। लोगों को संबोधित करते हुए प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि उन्होंने कई पदयात्राएं की हैं लेकिन दांडी यात्रा करना उनका सबसे बड़ा सौभाग्य है।
प्रहलाद सिंह पटेल अपनी केंद्रीय पदयात्रा के तीसरे दिन खेड़ा के सांसद देवु सिंह चौहान और सैकड़ों अन्य यत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ शामिल हुए। गोविंद पुरा के ऐतिहासिक प्राथमिक विद्यालय में, जहां गांधीजी ने रात्रि विश्राम किया था, ग्राम पंचायत ने केंद्रीय मंत्री पटेल और गिरिराज सिंह और सभी यत्रियों का स्वागत किया। यहां स्कूल के छात्रों ने सर्वधर्म और कुछ गानों पर आधारित एक नाटक भी किया।
वसाना बुजर्ग में हजारों लोगों ने पैदल यात्रियों का स्वागत किया। ब्रह्मकुमारी आश्रम में केंद्रीय मंत्री और अन्य लोगों का स्वागत चंदन के तिलक, गुलदस्ते और शॉल के साथ किया गया। लगभग 18 किमी की यात्रा के बाद, पटेल और सभी पैदल यात्री मातर पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। श्पटेल और सभी यत्रियों ने तीसरी रात वहां विश्राम किया।
17 राज्यों के लोगो ने लिया हिस्सा
इस मार्च में देश भर के 17 राज्यों के लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें मध्य प्रदेश से 44, महाराष्ट्र से 4, केरल से 1, तमिलनाडु से 1, मणिपुर से 2, राजस्थान से 7, दिल्ली से 5, उत्तर प्रदेश से 4, बिहार से 6 और उत्तराखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से एक-एक, नेपाल से 2 यत्रियों ने भी भाग लिया।