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Bank strike : सड़कों पर उतरें देशभर के बैंक कर्मचारी, करोड़ों के नुक़सान की आशंका

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रायपुर / नई दिल्ली। देशभर के बैंकों में आज से दो दिवसीय हड़ताल (Bank strike) का आगाज़ हो गया है। आज सुबह से ही बैंकों में नकदी लेनदेन, चेक क्लियरेंस, फिक्स डिपॉजिट समेत तमाम बैंकिंग से जुड़े कामकाज ठप पड़े हुए है।

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी अधिकतर बैंकों में कामकाज प्रभावित रहा। बैंक कर्मचारी और अधिकारी मोतीबाग चौक स्थित लालगंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के सामने प्रदर्शन करते नज़र आए।

राष्ट्रीय स्तर पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने ये हड़ताल बुलाई है। जिसमें बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग सुधारों के नाम पर किए जा रहे फेरबदल खिलाफ आज से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल रहेगी। इस हड़ताल में देश भर के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी शामिल हुए हैं।

Bank strike से हो रही परेशानी

इधर देश भर में एक साथ चल रही हड़ताल में बैंकों की शाखाओं में पहुंच रहे लोगो को परेशानी उठानी पड रही है। दरअसल मार्च महीने का दूसरा शनिवार होने के बाद रविवार को दो दिनों की लगातार छुट्टी थी।

जिसके बाद आज सोमवार और कल मंगलवार को बैंकों में हड़ताल है। ऐसे में चार दिनों से बैंकिंग कामकाज बंद होने से काफी नुक़सान की आशंका है।

इस वज़ह से बुलाई गई हड़ताल

गौरतलब है कि देश भर में यह हड़ताल (Bank strike) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में हुए घोषणाओं के बाद किया गया है।

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बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्रों के 2 बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। इसमें निवेश के लिए उठाए गए सरकार के कदम से बैंक के कर्मचारी खफा है।

कांग्रेस ने साधा निशाना

इधर इस बैंक हड़ताल को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि “बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया गया था, कि गरीब लोगों को उसका फायदा मिले।

सामान्य आदमी को भी लोन मिल सके और वह व्यवसाय कर सके। बैकों में काम करने वाले लोगों को प्रधानमंत्री परेशान कर रहे हैं। वे बैंकों को चंद लोगों के हाथ में देना चाहते है।”