नई दिल्ली। भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान फ़ेलोशिप (ISRF 2021) के लिए घोषणा कर दी गई है। विश्व स्तरीय भारतीय शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों में शोध कार्य करने के लिए 6 देशों के 40 छात्रों को फ़ेलोशिप प्रदान की गई है।
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इन शोधार्थियों का चयन उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए शोध प्रस्ताव, अनुभव, अकादमिक योग्यता, उनके शोध पत्रों के प्रकाशन आदि के आधार पर किया गया है।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने S&T साझेदारी विकसित करने के उद्देश्य से विश्व स्तरीय भारतीय विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में शोध करने के लिए ISRF 2021 कार्यक्रम का शुरू किया है।
जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के शोधार्थी हिस्सा ले रहे है। ये कार्यक्रम का क्रियान्वयन 2015 से किया जा रहा है।
अब तक इस कार्यक्रम में उक्त देशों के युवा शोधार्थियों को सम्मिलित करने के लिए 5 आयोजन किए जा चुके हैं। तब से लेकर अब तक उपर्युक्त देशों के 128 शोधकर्ताओं को फेलोशिप प्रदान की जा चुकी है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के तहत फेलोशिप प्रदान नहीं की गई। यह फेलोशिप भारत के पड़ोसी देशों के साथ शोध क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना है।
ISRF 2021 में वर्चुअल माध्यम से चर्चा
महामारी का प्रभाव अभी भी जारी है, इसके बीच फेलोशिप पाने वाले शोध छात्रों को जिस संस्थान में शोध का अवसर प्राप्त हुआ है उससे और इन संस्थानों के वैज्ञानिकों से वर्चुअल माध्यम से चर्चा करने का अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि शोधार्थी प्रोत्साहित हों।
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शोधार्थी भारतीय शोध संस्थानों का दौरा तब कर सकते हैं जब यात्रा संबंधी प्रतिबंधों को वापस ले लिया जाए और प्रयोगशालाओं में नियमित शोध कार्य करने के अनुकूल वातावरण बन जाए।