दिल्ली. राफेल विमान (Rafael Aircraft) में भारतीय वायुसेना को विश्व में और मजबूत बना दिया है। भारतीय सेना ने राफेल विमान की कमान उत्तर प्रदेश के बनारस जिले में जन्मी फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह के हाथों में देने की ठानी है। लेफ्टिनेंट शिवांगी दुनिया की सर्वोत्तम श्रेणी के युद्धक विमानों में एक राफेल की पहली महिला पायलट बनने जा रही हैं। राफेल भारतीय वायुसेना के बाड़े में शामिल मिग-21’बाइसन’ की जगह लेगा। शिवांगी राफेल की उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना की शौर्य का प्रदर्शन दिखाएंगी।
ट्रेनिंग के बाद भरेंगी उड़ान
राफेल (Rafael Aircraft) में उड़ान भरने से पहले वायुसेना के अधिकारियों ने लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को कन्वर्जन ट्रेनिंग के लिए अंबाला भेजा है। अंबाला बेस पर 17 ‘गॉल्डन एरोज’ स्क्वैड्रन में औपचारिक एंट्री लेंगी। किसी पायलट को एक फाइटल जेट से दूसरे फाइटर जेट में स्विच करने के लिए ‘कन्वर्जन ट्रेनिंग’ लेने की जरूरत होती है। मिग-21एस उड़ा चुकीं शिवांगी के लिए राफेल (Rafael Aircraft) उड़ाना कोई चुनौतीपूर्ण काम नहीं होगा क्योंकि मिग 340 किमी प्रति किमी की स्पीड के साथ दुनिया का सबसे तेज लैंडिंग और टेक-ऑफ स्पीड वाला विमान है।
लेफ्टिनेंट शिवांगी के नाम ये रिकार्ड दर्ज
– मिग 21 में सवार होकर दुश्मन के दात खट्टे कर चुकी है लेफ्टिनेंट शिवांगी
– भारतीय वायुसेना के पास फाइटर प्लेट उड़ाने वाली 10 महिला पायलट है। लेफ्टिनेट शिवांगी इस बेडे में शामिल है।
– अभिनंदन वर्तमान जिस फाइट के बाद पाकिस्तान में बंदी बनाए गए, उस समय बेस फाइटर बेस पर लेफ्टिनेंट शिवांगी तैनात थी।