ग्वालियर: सड़क हादसे में घायल होने के बावजूद एक बाबू रिश्वतखोरी से बाज नहीं आया। इतना ही नहीं रिश्वत लेने की तय तिथि को हादसे में जख्मी होने के बाद भी फरियादी को दूसरे दिन अलसुबह हॉस्पिटल में ही रिश्वत की रकम लेकर बुलवा ली। बस फिर क्या था लोकायुक्त की टीम ने हॉस्पिटल में ही घायल अवस्था में रिश्वतखोर बाबू को रंगे हाथ पकड़ लिया।
पूरा मामला मध्यप्रदेश के भिंड का हैं। जहाँ मौ में पदस्थ नायब तहसीलदार का बाबू श्रीकृष्ण बौहरे बुधवार सुबह सिटी सेंटर में 20 हजार रूपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। श्रीकृष्ण को लोकायुक्त टीम ने ट्रैप किया है। वसीयत में अमल कराने के नाम पर यह रिश्वत ली जा रही थी और कुल 30 हजार रुपये की डील तय हुई थी। 10 हजार रूपए बाद में देने थे।
श्रीकृष्ण ग्वालियर में ही रहता है और लोकायुक्त की यह कार्रवाई मंगलवार को होनी थी। कार्रवाई इसलिए नहीं हो सकी कि मंगलवार को मौ से ग्वालियर लौटते समय श्रीकृष्ण का एक्सीडेंट हो गया और वह घायल हो गया था। इसके बाद भी उसने बुधवार को फरियादी हरि सिंह राणा को सिटी सेंटर के जीवन ज्योति अस्पताल के पास बुलाया था।
एसपी लोकायुक्त संजीव सिन्हा ने बताया कि फरियादी हरि सिंह राणा के पिता ने वसीसत में उनके बेटों के नाम संपत्ति की थी। यह संपत्ति मौ में ही है। इस पर हरि सिंह के भाई को आपत्ति थी। मामला सिविल कोर्ट में पहुंचा लेकिन हरि सिंह के फेवर में निर्णय हुआ।
वसीयत के लिट्रेचर के आधार पर राजस्व में अमल होना था इसी बात के हरि सिंह से मौ में पदस्थ बाबू श्रीकृष्ण बौहरे 30 हजार रूपए मांग रहा था। हरि सिंह ने लोकायुक्त टीम से संपर्क किया और फिर पूरा होमवर्क अफसरों ने किया। मंगलवार को ही यह रिश्वत श्रीकृष्ण मांग रहा था लेकिन एक्सीडेंट होने के कारण मामला टल गया। घायल होने के बाद भी बाबू बाज नहीं आया और रिश्वत लेने हरिसिंह को बुला लिया। अस्पताल में जैसे ही बाबू ने रिश्वत ली, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ा।