हैदराबाद: पिछले साल मुंबई में हुए ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स की साजिश की खबरों के बीच अब चीनी हैकर्स ने मुंबई के जैसे ही तेलंगाना में भी ब्लैकआउट करने की कोशिश की है। हालांकि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया के अलर्ट के कारण चीनी हैकर्स की इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार चीनी हैकर्स ने तेलंगाना के टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको पावर सिस्टम को हैक करने की कोशिश की। टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको तेलंगाना की प्रमुख पावर यूटिलिटी हैं।
जांच में सामने आया है कि चीनी हैकर्स पावर सप्लाई को बाधित करना चाहते थे। साथ ही यहां का डाटा भी चुराना चाहते थे। गेनको ने इस खतरे को भांपकर संदिग्ध आईपी एड्रेस को ब्लॉक किया और दूरस्थ जगहों से काम कर रहे अफसरों और पावर ग्रिड के यूजर डाटा को बदल दिया है।
एक नए अध्ययन में पता चला है कि मध्य 2020 के बाद से अब तक कम से कम 12 संगठनों, प्रारंभिक बिजली केंद्रों और लोड डिस्पैच सेंटर्स के कंप्यूटर्स को चीनी हैकर्स ग्रुप की ओर से निशाना बनाने का प्रयास किया गया है। ये हैकर्स इन कंप्यूटर में मैलवेयर पहुंचाने की कोशिश कर चुके हैं ताकि बड़े स्तर पर सेवाओं को बाधित किया जा सके।
इंटरनेट के इस्तेमाल पर नजर रखने वाली अमेरिकी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर के अध्ययन के मुताबिक चीनी हैकर्स की ओर से अब तक जहां हैकिंग की कोशिशें की गई हैं, उनमें एनटीपीसी, 5 रिजनल लोड डिस्पैच सेंटर और दो बंदरगाह भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा पता चलता है कि हैकिंग की यह गतिविधियां मई 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की शुरुआत से पहले ही शुरू हो गई थीं। 2020 के मध्य से ही भारत के बिजली क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए चीनी संगठनों द्वारा एक विशेष सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।