नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से असम में महाबाहु-ब्रह्मपुत्र प्रोजेक्ट (Mahabahu-Brahmaputra Project) का शुभारंभ किया। इसके साथ ही पीएम ने धुबरी फूलबाड़ी पुल की आधारशिला रखी और मजुली पुल के निर्माण का लिए भूमिपूजन भी किया।
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इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि “ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए। इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही।
महाबाहु ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है।”
उन्होंने कहा कि “असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजीकल और कल्चरल इंट्रीग्रिटी को बीते वर्षों में सशक्त किया गया है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ के लिए इस व्यापक विजन को विस्तार देने वाला है।
मजूली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब मजूलीवासियों को सड़क का भी तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने वाला है। आपकी वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमि पूजन के साथ शुरु हो गई है।”
Mahabahu-Brahmaputra Project बढ़ाएगा कनेक्टिविटी
महाबाहु-ब्रह्मपुत्र के शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि “ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र प्रोजेक्ट (Mahabahu-Brahmaputra Project) शुरु किया गया है।
ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा। असम वासियों की वर्षों पुरानी मांग आज पुल के भूमिपूजन के साथ ही पूरी होनी शुरू हो गई है।
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कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला 8 किमी का ये पुल मजूली के हजारों परिवारों की जीवन रेखा बनेगा। ये ब्रिज आपके लिए सुविधा और संभावनाओं का सेतु बनने वाला है।”